मेरा अनुरोध प्रधानमंत्री से है बीजेपी नेताओं से नहीं तो वे शांत रहें: नीतीश कुमार
आहत नीतीश ने कहा स्वतंत्रता सेनानी का बेटा हूं अपने डीएनए पर टिप्पणी से आहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के चाल-चरित्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये वही लोग हैं जो साथ रहने पर हमें पीएम मेटेरियल कहते थे लेकिन उनकी नजर में अलग होते ही हम किसी काम के नहीं रह गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे पिता स्वतंत्रता सेनानी थे और मां गृहिणी थी। मैं स्वतंत्रता सेनानी का पुत्र हूं लेकिन अफसोस है, मेरे डीएनए में खोट कहा गया। मेरे डीएनए में स्वतंत्रता संग्राम के मूल्य समाहित हैं। जो बिहार के लोगों का डीएनए है, वहीं हमारा है, उनसे अलग नहीं है। वापस ले प्रधानमंत्री अपने शब्द
श्रीकृष्णापुरी पार्क में गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री सत्येन्द्र नारायण सिन्हा की आदमकद प्रतिमा के निर्माण कार्य का शिलान्यास करने के बाद नीतीश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में इतना ही कहा है कि पद की गरिमा के अनुरूप उनका वक्तव्य नहीं है। उन्हें अपने शब्द वापस लेने चाहिए। इससे बिहार के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। सिर्फ शब्द वापसी की बात कही है, माफी एवं खेद प्रकट करने की बात नहीं कही। अपने पत्र में संस्कार एवं विनम्रता को कायम रखा है।
बीच में ना बोलें भजपा और राजग के नेता
प्रधानमंत्री के वक्तव्य पर सफाई देने के भाजपा नेता सुशील मोदी के प्रयास पर नीतीश ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री जी से कहा है, भाजपा और राजग से मैंने कुछ नहीं कहा है। वे क्या कहते हैं, उसकी मुझे परवाह नहीं है। वे मर्यादा की बात नहीं करते। सुशील ने कहा था कि प्रधानमंत्री का कमेंट उनके पॉलिटिकल डीएनए के बारे में था व्यक्त्गित जीवन के बारे में नहीं इसलिए माफी जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि नीतीश पर ये आरोप भी इसलिए लगा क्योंकि उन्होंने भाजपा का साथ देने के वादे के बाद निजी राजनैतिक स्वार्थ के लिए उसे तोड़ दिया। इसी के बाद नीतीश ने भाजपा और राजग नेताओं को मामले से दूर रहने को कहा।
Hindi News from India News Desk