मनोज बाजपेयी की आइडेंटिटी टीवी सीरियल स्‍वाभिमान से बनी जिसमें उनका करेक्‍टर ग्रे था और उसके बाद उन्‍हें कामयाबी भी उसी फिल्‍म सत्‍या ने दिलाई जिसमें उनके करेक्‍टर का शेड ग्रे था. इसके अलावा उन्‍होंने कई फिल्‍मों में पॉजिटिव और हिट रोल किए पर जो पहचान ग्रे शेड के रोल्‍स से उन्‍हें मिली वो बिलकुल अलग थी. आज भी वो उसी तौर पर कामयाब हैं.

जब मनोज बाजपेयी ने इंडस्ट्री ज्वाइन की तब उनके जैसे एक्टर्स के लिए स्कोप बहुत कम था पर फिश्र भी उन्हें ना सिर्फ अपनी पहचान बनाया बल्कि दूसरों के लिए दरवाजे खोले. हमने की मनोज से उनके दिल की बातें.....
Grey is good
प्रकाश झा की मूवी में मेरा रोल अक्सर निगेटिव ही होता है. बात जहां तक मेरी है तो मैं ब्लैक के बजाय ग्रे शेड कैरेक्टर्स करना पसंद करता हंू. मैं उन्हीं रोल्स को चूज करता हंू जो मुझे इंटरेस्टिंग लगते हैं. साथ ही साथ, मैं यह भी कहना चाहता हंू कि आजकल के डायरेक्टर्स को मना कर पाना काफी मुश्किल है क्योंकि उनमें बहुत अच्छा स्क्रिप्ट-सेंस मौजूद है. जिस तरह के रोल्स मैं करना चाहता था वैसे रोल्स पाने में मुझे 20 साल लग गए हैं. सिनेमा के लिए यह सबसे बेहतरीन वक्त है और मैं प्राउडली कह सकता हंू कि इसे इस स्टेज पर लाने में मेरा भी थोड़ा कॉन्ट्रिब्यूशन रहा है.
Image conscious
कोई अल पचीनो या रॉबर्ट डि नीरो से यह नहीं पूछता है कि वह अलग तरह के रोल्स क्यों नहीं करते हैं. मुझे यह बात समझ में नहीं आती कि क्यों अलग तरह का काम करना ही बॉलीवुड में काबिलियत का पैमाना बन गया है. सिर्फ खुद को अच्छा एक्टर साबित करने के लिए मुझे रोमांटिक या कॉमेडी रोल्स करने की कोई जरूरत नहीं है. मैं एक सीरियस एक्टर हंू और अपना काम सीरियसली करता हंू ताकि वह सबसे बेहतर लगे.
Donning the producer's hat
मैं फिल्म्स भी प्रोड्यूस करना चाहता हंू पर मैंने पहले से ही कई कमिटमेंट्स किए हुए हैं जिसके चलते मुझे वक्त नहीं मिल पा रहा है. मैं किसी काम को हंसी-मजाक में करना पसंद नहीं करता. अगर मुझे एक्टिंग से दो महीने का भी वक्त मिलता है तो मैं फिल्म जरूर प्रोड्यूस करूंगा. बात जहां तक इसको लेकर है कि मैं कैसी फिल्म्स प्रोड्यूस करूंगा तो मैं बता दंू कि स्क्रिप्ट्स को बचाकर रखने में मेरा यकीन नहीं है. मैं आजकल के नए डायरेक्टर्स के माइंड को एक्सप्लोर करना चाहता हंू.
Building bonds
प्रकाश (झा) और मैं, फ्रेंड्स होने के लिहाज से एक एज ग्रुप के नहीं है पर हमारा कम्फर्ट लेवल काफी अच्छा है. हम दोनों की एक-दूसरे से एक्सपेक्टेशंस काफी ज्यादा रहती हैं. मैं हमारी इस रेपो को लाइटली नहीं लेता हंू. मुझे नहीं पता कि मैं आगे कभी उनके साथ काम करूंगा या नहीं क्योंकि मैं आज में जीता हंू और फ्यूचर के बारे में सोचना मेरी पर्सनैलिट का हिस्सा नहीं है. मुझे काफी खुशी हुई जब नवाज (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) ने मुझे ‘कंट्री का बेस्ट एक्टर’ कहा. मैं इसे एक कॉम्प्लिमेंट की तरह लेता हंू क्योंंकि यह उनके जैसे किसी इंसान की तरफ से आया है.

Biwi ho toh aisi
शबाना (नेहा) ने अकेले अपने कंधों पर हमारी तीन साल की बेटी अवा नायला की रिस्पांसिबिलिटी ले रखी है, वह एक बहुत अच्छी मॉम है. अवा को देने के लिए मेरे पास ज्यादा वक्त नहीं होता है. शबाना बेस्ट-लुकिंग वुमन में से एक हैं और वह काफी इंटैलिटेंज भी हैं. मैं पूरी कोशिश कर रहा हंू कि उन्हें उनके डेली रूटीन से थोड़ा ब्रेक मिल सके और वह खुद को किसी एक्टिंग प्रोजेक्ट में इन्वॉल्व कर पाएं. मैं भी उनके साथ एक्टिंग करने के लिए मचल रहा हंू, सेट पर घर जैसा माहौल देखना इंटरेस्टिंग होगा. हां, मैं शबाना को काफी मिस करता हंू क्योंकि वह हमारी बेटी के चलते मेरे साथ शूटिंग पर नहीं आ पाती हैं.

Posted By: Kushal Mishra