भारत और चीन के संबंध में इन द‍िनों तनाव साफ द‍िख रहा है। चीन लगातार ऐसी हरकते और बयान देता जा रहा है ज‍िससे भारत को मजबूरी में उसे जवाब देना पड़ा रहा है। उसने हाल ही में सिक्किम के डोंगलोंग क्षेत्र पर भी दावा क‍र द‍ि‍या है। इसके अलावा उसने भारत को बॉर्डर से सेना हटाने के साथ कहा क‍ि उसे 1962 वाला युद्ध नहीं भूलना चाह‍िए। चीन के इस रवैये को देखकर लगता है क‍ि वह भारत को हल्‍के में ले रहा है। जबक‍ि हकीकत यह है क‍ि अगर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ले लिए ये 4 फैसले ले ल‍िए तो चीन घुटनों पर आ जाएगा...


ग्लोबल इन्वेस्टर्स के लिए साफ्ट रूलअगर भारत में नरेंद्र मोदी सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स के लिए साफ्ट रूल बनाती है तो दुनिया भर से इन्वेस्टर्स यहां पर बड़े स्तर पर इन्वेस्ट करने के लिए आगे आएंगे। इसके लिए भारत सरकार द्वारा लगातार प्रयास जारी है। भारत का यह कदम चीन के लिए चिंतनीय होगा क्योंकि अभी कुछ दिन पहले उसके इस निवेश की दिशा में चिंतित होने की खबरें सामने आई थीं। मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट


भारत सरकार द्वारा मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। हालांकि इसके बाद भी कई चीनी कंपनियों का व्यापार भारत में अभी भी बड़े स्तर पर है। यहां पर कई बड़ी चीनी कंपनियां अपने उत्पाद बड़े स्तर पर बेच रही हैं। ऐसे में जिस दिन भारत में मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट पूरी तरह से सफल हो जाएगा उस दिन चीन की मुसीबते बढ़ जाएंगी। वह बैकफुट पर आ जाएगा। ओबीओआर पर मंथन जरूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चीन के एक क्षेत्र एक सड़क यानी कि ओबीओआर पर गंभीरता से मंथन करना चाहिए। इतना ही नही चीन के इस प्रोजेक्ट की जद में आन वाले देशों से भी संपर्क साधना चाहिए। इससे चीन के लिए मुसीबत होगी। नरेंद्र मोदी के इस फैसले का असर चीन पर पड़ेगा।चीन ने फिर दादागीरी दिखाते हुए अब डोंगलोंग पर दावा ठोका, भारत चिंतित

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Posted By: Shweta Mishra