Kanpur: मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से लागू सिंगल एंट्रेंस टेस्ट में आईआईटी कानपुर शामिल नहीं होगा. 2013 के जेईई में आईआईटी पहले की तरह एंट्रेंस टेस्ट कंडक्‍ट कराएगा. शुक्रवार को कानपुर में हुई एकेडमी सीनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है.


सिंगल एंट्रेंस टेस्ट का विरोधमानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2013 से आईआईटी, एआईईईई समेत दूसरे इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए सिंगल एंट्रेंस टेस्ट की व्यवस्था की थी। इस बात को लेकर देश भर के आईआईटी संस्थानों की फैकल्टी और स्टूडेंट्स ने तगड़ा विरोध किया था। विरोध की गूंज आईआईटी कानपुर के 44वें कनवोकेशन में भी सुनाई दी थी। करीब एक दर्जन फैकल्टी मेम्बर्स ने कनवोकेशन का बहिष्कार कर दिया था। तब डायरेक्टर एसजी धांडे ने 15 दिनों के अंदर बैठक करके समस्या को सुलझाने का वायदा किया था। शुक्रवार को इसी क्रम में सीनेट के साथ डायरेक्टर की बैठक संपन्न हुई। बैठक में फैसला हुआ कि आईआईटी सिंगल एंट्रेंस टेस्ट में पार्टिसिपेट नहीं करेगी बल्कि पहले की तरह अपना जेईई कंडक्ट करवाएगी।एक साल तक ऑब्जर्वेशन
सीनेट के प्रो। दीपक गुप्ता ने बताया कि मीटिंग में जेईई-2013 में सिंगल एंट्रेंस में शामिल नहीं होने का फैसला हुआ है। बल्कि 2014 तक आईआईटी सिंगल एंट्रेस के कॉन्सेप्ट को ऑब्जर्व और एनॉलिसिस करके इसकी खामियों का पता लगाएगी। इन कमियों की जानकारी मंत्रालय को दी जाएगी। अगर इन कमियों को दूर कर लिया गया। तो भविष्य में आईआईटी की ओर से सिंगल एंट्रेंस टेस्ट में शामिल होने के बारे में विचार किया जाएगा। वरना पहले ही तरह जेईई का कॉन्सेप्ट लागू रहेगा।

Posted By: Inextlive