देश में प्रधानमंत्री का मेक इन इंडिया प्‍लान काफी तेजी से सफलता की ओर बढ़ रहा है। इन दिनों के प्रमुख औद्योगिक संस्‍थानों में चल रहे प्‍लेसमेंट प्रासेस में यह बात सामने आ रही है। अभी हाल ही में आईआईटी दिल्ली में करीब 19 दिन चले प्लेसमेंट प्रोसेस में इसका प्रभाव साफ दिखा। यहां पर अनेक स्टूडेंट्स ने इंटरनैशनल कंपनियों के बड़े ऑफर्स छोड़े हैं। इसकी जगह छात्रों ने डॉमेस्टिक कंपनियों को ज्‍यादा वरीयता दी है।


कोर कंपनियों को वरीयतादेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्लान मेक इन इंडिया का प्रभाव दिखने लगा है। इन दिनों देश के औद्योगिक संस्थानों यानी की आईआईटी में चल रहे जॉब ऑफर्स में यह बात सामने आ रही है। अब यहां के ऐनालिटिक्स, बैंक, आईटी, कंप्यूटर साइंस, सिविल ट्रेड के होनहार छात्र इस प्लान में अपनी रूचि दिखा रहे हैं। यह बात हाल ही में दिल्ली में हुए एक  प्लेसमेंट प्रोसेस  में सामने आई है। यहां पर पिछले साल 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक यह प्लेसमेंट प्रोसेस चला था। आईआईटी दिल्ली में हर साल प्लेसमेंट सेल एक बड़े पैमाने पर आयोजित होता है। इस दौरान यहां पर देश-विदेश की जानी मानी गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, वीज़ा और ओरेकल जैसी कंपनियां छात्रों को नौकरी देने के लिए आती हैं। जिसमें वे छात्रों को काफी बड़े बड़े पैकेज ऑफर करती हैं। ऑफर अस्वीकार किया
इस दौरान कई कंपनियां तो करोंड़ो के पैकेज भी देती है, लेकिन इस बार छात्रों ने इन इंटरनैशनल कंपनियों को ज्यादा वरीयता नहीं दी। उन्होंने डॉमेस्टिक कंपनियों के प्रति ज्यादा रूझान दिखाया और उनके ऑफर को स्वीकार किया। सबसे खास बात यह रही कि इस साल आईआईटी दिल्ली के 850 छात्रों ने 510 ने कोर सेक्टर की कंपनियां के ऑफर स्वीकारे है। ये पिछले साल की अपेक्षा अधिक थे। पिछले साल इन स्टूडेंट की संख्या करीब 350 ही थी। सिर्फ दिल्ली ही नहीं आईआईटी मुंबई में भी इस बार के प्लेसमेंट में कोर कंपनियों की ज्यादा वरीयता मिली। इसके अलावा आईआईटी गुवाहाटी और रुड़की भी इसी ओर रूझान दिखाने की तैयारी में हैं। वे भी अपने देश में रहकर घरेलू कंपनियों में काम करने को ज्यादा तवज्जों देने की ओर बढ़ रहे हैं।

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Posted By: Shweta Mishra