जो आज तक नहीं हुआ है वो अब होने जा रहा है। भारत-चीन सीमा पर पहली बार भारत-तिब्बत सीमा पुलिस आईटीबीपी के 12 महिला सिपाहियों को तैनात किया जाएगा। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार इन महिला सिपाहियों को लद्दाख के लेह क्षेत्र में तैनाती के लिए पिछले हफ्ते रवाना किया गया जो अगले कुछ दिनों में सीमा पर मोर्चा संभालेंगी।

500 महिला सिपाहियों में हुआ चुनाव
देश के विभिन्न भागों की इन 12 महिलाओं को उन 500 महिला सिपाहियों में से चुना गया है जिन्हें इस विशेष उद्देश्य के लिए प्रशिक्षित किया गया था। एक प्रेस वक्तव्य जारी करते हुए 21वीं बटालियन के कमांडे़ट कुंदन प्रसाद ने कहा, "ये महिलाएं कड़े प्रशिक्षण के दौर से गुजरी हैं ताकि वो बेहतर तरीके से अपनी ड्यूटी कर सके।" ये महिला सिपाही 14000 फीट से अधिक ऊंची चोटी पर स्थित पोस्ट में अत्यधिक ठंड और प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी करेंगी। आटीबीपी के प्रवक्ता ने बताया, "लंबाई में छूट के अलावा चयन करने का मापदंड वहीं था जो पुरूष अधिकारियों के लिए होता है।"
पहली बार महिलाओं को मिल रहा मौका
भारत- तिब्बत सीमा पुलिस की स्थापना 24 अक्टूबर 1962 में भारत-तिब्बत सीमा की चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र से रक्षा हेतु की गई थी। 9,000 से 18,700 फीट की ऊंचाई के बीच , 3,488 किमी. का लंबा पर्वत क्षेत्र जहां तापमान शून्य से भी 45 डिग्री नीचे रहता है वहां खतरनाक ग्लेशियरों, पथरीली ढालों और अदृश्य प्राकृतिक खतरों के बीच आईटीबीपी के जवान और अधिकारी देश की सेवा के लिए तैनात रहते हैं। यह लद्दाख के कराकोरम दर्रे से अरुणाचल प्रदेश में दिफू ला तक फैला हुआ है। आटीबीपी ने पहली बार ऐसी दुर्गम जगहों पर महिला जवानों की नियुक्ति करने का फैसला किया है। 60,000 जवानों वाले इस बल में पहली बार महिला अधिकारियों की भी नियुक्ति की जा रही है। देश में आटीबीपी ही ऐसा सुरक्षा बल है जिसके पास अभी तक कोई महिला अधिकारी नहीं है।

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Posted By: Ruchi D Sharma