ऐसा लगता है कि अब प्राथमिक स्‍कूलों में चलने वाली मिड-डे मील योजना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने वाला है। ये प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा सरकार के लिए हुए फैसले की वजह से। दरअसल खबर है कि केंद्र की ओर से इस बात का फैसला किया गया है कि वह मध्याह्न भोजन योजना के लिए इस्तेमाल किए गए गैर सब्सिडी वाले एलपीजी सिलिंडरों को लेकर राज्यों को प्रतिपूर्ति अब नहीं देगा। ऐसे में अब भोजन पकाने के लिए रसोई गैस पूरी तरह से बाजार मूल्य पर ही दी जाएगी। सरकार के इस फैसले को लेकर विरोध प्रदर्शन काफी तेज हो गए हैं। इसी के साथ इस बात की आशंका जताई जा रही है कि इस फैसले के साथ अब इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।


छाए चिंता के बादल बताया गया है कि सरकार के इस कदम से राज्यों के खजाने पर पड़ने वाले अतिरिक्त वित्तीय भार से कई राज्य चिंता में डूब गए हैं। इससे चिंतित कुछ राज्य इस संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पास प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना तक बनाने में लग गए हैं। वहीं एचआरडी मंत्रालय की ओर से एक हालिया संवाद के अनुसार अब गैर सब्सिडी वाले एलपीजी सिलिंडरों को खरीदने के लिए राज्यों को अतिरिक्त व्यय करना होगा। इस अतिरिक्त व्यय की प्रतिपूर्ति राज्यों को किसी भी कीमत पर नहीं की जाएगी। बाजार मूल्य पर की जाएगी खरीद


बताया गया है कि सब्सिडी को लेकर ये फैसला मई में आए वित्त मंत्री के निर्देश पर आधारित है। इस निर्देश में कहा गया था कि मीड डे मील के उद्देश्य को लेकर एलपीजी सिलेंडर्स की खरीद अब सिर्फ बाजार मूल्य पर ही की जाएगी। याद दिला दें कि केंद्र सरकार ने इससे पहले इस साल के बजट में इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को लेकर आवंटन में 30 प्रतिशत की कटौती कर दी थी।  ऐसा कहते हैं अन्य नेता व अधिकारी

फिलहाल सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस बात का उल्लेख किया कि सामाजिक क्षेत्र की कई योजनाओं के लिए केंद्रीय आवंटन में कटौती राज्यों को कोष हस्तांतरण के मद्देनजर की गई है। वहीं इनके अलावा बिहार के मानव संसाधन विकास मंत्री पी. के. शाही ने बताया कि इससे इस योजना पर पूरी तरह से प्रतिकूल प्रभाव पड़ने वाला है।Hindi News from Business News Desk  

Posted By: Ruchi D Sharma