चर्चा अगर महिला सुरक्षा की छिड़े तो हर जुबान पर सिर्फ एक ही बात होगी आखिर कब। हर बड़ी घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा के सिर्फ दावे सुनने को मिलते हैं। आखिर में नतीजा फिर असुरक्षित महिलाओं के रूप में सामने आता है। कभी कोई महिला सड़क पर चलती हुई परेशान दिखती है तो कोई घर में अपने फोन को लेकर डरी हुई नजर आती है। ये सुनने के बाद आपको भी शायद याद आया हो कि कोई आपको भी बार-बार फोन करके छेड़ रहा है। अब आप ये जानकर चौंक जाएंगी कि आपका नंबर भी 50 या 500 रुपये में किसी मनचले को बेचा गया है। आप भी ऐसे ही परेशान हैं तो तुरंत पकड़िए आपके फोन को रिचार्ज करने वाले भइया को। क्‍या है इसके पीछे की पूरी कहानी आइए जानें।


ऐसा है ये मामला फोन पर होने वाले छेड़छाड़ को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। खबर है कि उत्तर प्रदेश में मोबाइल रिचार्ज की दुकानों के जरिए महिलाओं की सुरक्षा के साथ बड़ा खिलवाड़ हो रहा है। आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि मोबाइल रिचार्ज की दुकानों पर आने वाली लड़कियों का मोबाइल नंबर 50 रुपये से 500 रुपये की कीमत तक पर बिक रहा है। आपके मोबाइल रिचार्ज वाले भइया आपका नंबर इतनी कीमत पर मनचलों को बेच देते हैं। लड़कियों के लुक्स पर करता है ये निर्भर
इससे भी बड़ी बात ये है कि नंबरों की ये कीमत लड़कियों के लुक्स पर निर्भर करती है। अगर कोई लड़की साधारण लुक की है तो उसका नंबर 50 या आसपास की कीमत पर बिकता है। वहीं वह लड़की अगर बहुत सुंदर है तो उसका नंबर 500 रुपये तक में बेचा जाता है। नंबरों को बेचने वाले इस रैकेट का खुलास उस वक्त हुआ जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से शुरू की गई महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 पर इसको लेकर शिकायतें आईं। ये उन लड़कियों की शिकायतें हैं जो लगातार अनचाहे कॉल्स से परेशान हैं।


पढ़ें इसे भी : टिप के लालच में ड्राइवर ने जगल सफारी में रोकी कार, 2 शेरों ने किया भयानक हमलाऐसे पकड़ा गया ये रैकेट इतनी बड़ी तादाद में शिकायतों के आने के बाद यूपी पुलिस ने इस रैकेट का पर्दाफाश किया। इनपर गौर करें तो पिछले कुछ सालों में 90 प्रतिशत शिकायतें फोन पर हरैसमेंट की थीं। लड़कियों को फोन कर दोस्ती के लिए परेशान करने वालों को यह नंबर उन दुकानों से मिलते हैं, जहां यह लड़कियां रिचार्ज करवाने के लिए जाती हैं। इस हेल्पलाइन को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाने वाले इंस्पेक्टर जनरल नवनीत सेकरा ने बताया कि इस पूरे मामले में महत्वपूर्ण बात होती है नाम ना बताना। पढ़ें इसे भी : सरकारी नौकरी छोड़ कर यूपी के मुख्यमंत्री बन गए श्रीपति मिश्राशुरू हुआ शिकंजा कसना

इंस्पेक्टर जनरल सेकरा कहते हैं कि इस पूरे मामले का सबसे दुखद पहलू यह है कि इन मामलों के सामने आने के बाद भी किसी को अब तक जेल नहीं भेजा जा सका है। लोग सीधे-सादे शब्दों में ये बात जानते हैं कि 'भइया, कोई क्राइम नहीं बनेगा'। इसके बावजूद अब पुलिस ऐसे रिचार्ज करने वालों के खिलाफ सख्त होने जा रही है। यही नहीं उन्होंने बताया कि अब तक वह ऐसे तीन रिचार्ज भइया को धारा 467 के तहत गिरफ्तार भी कर चुके हैं। इन तीनों को झूठे डॉक्यूमेंट्स लेते हुए पकड़ा गया है।

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Posted By: Ruchi D Sharma