Allahabad : पासिंग आउट परेड का हिस्सा बनने के बाद इनके सीआरपीएफ का मुलाजिम बनने पर मुहर लग जाती. इलाहाबाद में जुलाई में होने जा रही इस परेड की तैयारियों को फिनिशिंट टच दिया जा रहा था. तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे ऑफिसर्स यह भूल गए कि सूरज आग बरसा रहा है. चार रंगरूटों ने दौड़ तो पूरी कर ली लेकिन आग उगलती सूरज की किरणों का सामना कर पाने में फेल हो गए. गश खाकर गिर पड़े. इसमें से दो की मौत हो गई है जबकि दो अन्य की हालत गंभीर है. इस घटना से ऑफिसर्स के होश उड़ गए हैं लेकिन उन्होंने अपने होंठ भी सिल लिए हैं. वे इस मामले में कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं.

हरियाणा का था रहने वाला
ट्यूजडे को निजी नर्सिंग होम में एडमिट धर्मेंद्र कुमार सिंह (25) पुत्र चांद सिंह की मौत हो गई। वह हरियाणा का रहने वाला था। सीआरपीएफ सोर्सेज ने बताया कि संडे को अतिरिक्त प्रशिक्षण केंद्र में दौड़ के दौरान धर्मेंद्र गश खाकर गिर गया था। तब से उसकी हालत बिगड़ती ही जा रही थी। दो दिन तक ट्रीटमेंट चलने के बाद भी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। ट्यूजडे को उसकी सांसें थम गईं। बता दें कि दौड़ के दौरान ही बीमार पड़े असम के महेंद्र कलिता नाम के रंगरूट की भी मौत हो गई थी। उधर निजी हॉस्पिटल में एडमिट दो रंगरूटों की हालत गंभीर बनी हुई है।

बीमार तो दर्जन भर हुए थे

रंगरूटों की मौत के मामले में सीआरपीएफ ऑफिसर्स कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। प्रशिक्षण केंद्र प्रभारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने मीटिंग में होने का हवाला देते हुए बात करने से इंकार कर दिया। सोर्सेज बताते हैं कि संडे को प्रशिक्षण की फाइनल दौड़ ऑर्गनाइज की गई थी। इस दिन तापमान पूरे शबाब पर था। पारा 44 डिग्री सेल्सियस के पार था। इसी दौरान करीब दर्जन भर रंगरूट बेहोश होकर गिर पड़े थे। इनमेंं से चार की हालत गंभीर थी।
पहली बार नहीं

रंगरूटों के बीमार होने का ये पहला मामला नहीं है। डेढ़ महीने पहले सीआरपीएफ कैंप के डेढ़ सौ से ज्यादा रंगरूट डायरिया की चपेट में आ गए थे। गंभीर हालत में तीन दर्जन से ज्यादा रंगरूटों को निजी नर्सिंग होम में एडमिट कराया गया था। इसमें बिहार के एक जवान की मौत हो गई थी। उस समय रंगरूटों ने साफ कुछ बोलने से इंकार कर दिया था। हालांकि दबी जुबान में उन्होंने बदहाल व्यवस्था को इसका जिम्मेदार बताया था। उनका कहना था कि पीने के लिए साफ पानी तक नहीं मिल पाता है।

Posted By: Inextlive