- 31 जुलाई तक आयकर रिटर्न भरने से कई तरह की चूक से भी राहत

Meerut : इस समय बहुत से वेतनभोगी व छोटे व्यापारी आयकर रिटर्न भरने के लिए अपने डॉक्यूमेंट तैयार करने में जुटे हुए हैं। रिटर्न भरने के लिए वह अपने दस्तावेज सहित सीए व आयकर विशेषज्ञों के यहां चक्कर काट रहे हैं, क्योंकि आयकर विभाग ने फ्क् जुलाई तक का समय दिया है।

सही फॉर्म का करें चुनाव

आयकर मामलों के जानकारों की सलाह है कि करदाताओं को आयकर भरते समय सही फार्म का चुनाव करना चाहिए। सभी करदाता जिन पर आयकर विवरण का फार्म लागू है, उसी फॉर्म में आयकर विवरण दाखिल करें। वेतनभोगियों को केवल वेतन व बैंक ब्याज से हुई आय है वह आइटीआर-क् दाखिल करें।

इनका रखें ध्यान

आयकर रिटर्न भरने के दो माध्यम है। पांच लाख से अधिक आय वालों को ई-फाइलिंग करना अनिवार्य है, जबकि इससे कम आय वाले करदाता इनकम टैक्स आफिस में जाकर मैनुअली रिटर्न जमा कर सकते हैं।

फ्क् जुलाई तक आयकर रिटर्न भरने से रिटर्न भरने में अगर किसी तरह की चूक रह गई तो उसमें संशोधन किया जा सकता है। मार्च में जो रिटर्न दाखिल होती है, उसमें चूक होने पर करदाता को पेनल्टी देनी पड़ती है।

-अनुपम शर्मा, सीए

इनके लिए जरूरी है रिर्टन

सभी वेतनभोगी कर्मचारी और छोटे व्यापारी जिन्हें आयकर अधिनियम के अंतर्गत आडिट कराना आवश्यक नहीं है। डाक्टर, वकील, इंजीनियर, सीए आदि जैसे प्रोफेशनल जिनकी सकल प्राप्ति ख्भ् लाख से कम है। ऐसे सभी व्यक्तिगत करदाताओं को अपनी आयकर विवरण फ्क् जुलाई तक जमा करनी है।

रिटर्न भरने के ये हैं फायदे

- रिटर्न भरते समय कोई चूक हो जाए तो वह रिवाइज कर सकते हैं, उस पर किसी तरह का पेनाल्टी नहीं देनी होगी।

- व्यापार में हानि होती है, तो वह अगले साल के लाभ में से हानि को घटा सकते हैं।

- यदि रिफंड बनता है तो एक अप्रैल से उस पर ब्याज प्राप्त कर सकते हैं।

Posted By: Inextlive