गोरखपुर (ब्यूरो)। लेकिन उम्मीदों पर यह 100 परसेंट खरा नहीं उतरा। लोगों को उम्मीद थी की स्वास्थ्य और शिक्षा, बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश, रोजगार, आयकर में नकद लेनदेन सरकार 10 हजार से बढ़ाकर एक लाख करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। जानें सिटी के डॉक्टर, बिजनेसमैन, एजुकेशनिष्ट, समाजशास्त्री, हाउसवाइफ, यूथ और आम नागरिक की इस बजट पर राय

महंगा या सस्ता नहीं हुआ

इस बार बजट में कुछ भी सस्ता या महंगा नहीं हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि 2017 में लागू किये गए जीएसटी के बाद से बजट में केवल कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाया या घटाया जाता है, जिसका असर गिनी-चुनी चीजों पर ही पड़ता है। वहीं अंतरिम बजट में किसान, महिलाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित कई सारे सेक्टर्स के लिए कई सारे एलान किए हैं। हालांकि, इसके बावजूद अंतरिम बजट के बाद कुछ भी महंगा या सस्ता नहीं होगा।

बजट की कुछ खास बातें

1. शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र के लिए अस्पतालों को मेडिकल कॉलेजों के साथ जोडऩे के लिए कमेटी बनेगी। 1 लाख करोड़ रुपए का कॉर्पस यानी कोष बनाया जाएगा। ये कॉर्पस 50 साल तक इंट्रेस्?ट फ्र लोन प्रोवाइड करेगा।

2. सभी आशा कर्मी बहनों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाया जाएगा।

3. पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्र रहेगी।

इंफ्रास्ट्रक्चर और देशवासियों के कल्याण को समाहित करते हुए देश को विकसित बनाने के लिए सरकार का वास्तविक प्रयास दर्शाता यह बजट देश के लोगों को आश्वस्त करता है कि भारत का भविष्य सक्षम सरकार और सच्चे नेतृत्व के हाथों में है।

पंकज चौधरी, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री

यह बजट आमजन के हित में है। इससे देश के विकास को नई गति व दिशा मिलेगी। सरकार ने स्टार्टअप्स को मदद मुहैया कराई और रोजगार पैदा करने में एक बड़ा रोल अदा किया। पीएम मोदी के नेतृत्व में देश का ऐतिहासिक विकास हुआ है।

रवि किशन, सदर सांसद

इस बार का बजट आम जानता को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने पेश किया है। मध्यमवर्गीय पीएम आवास का लक्ष्य 2 करोड़ से बढ़ाना, लखपति दीदी का लक्ष्य 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करना जैसी स्कीम से घरेलू उत्पाद की बढ़ोतरी भी मिलेगी साथ ही सभी वर्ग के लोगों की तरक्की होगी। सरकार ने बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, हेल्थ पर जोर दिया है।

अतुल सराफ, डायरेक्टर, ऐश्प्रा समूह

लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने पेश अंतरिम बजट में लोकलुभावन घोषणाओं से परहेज किया गया है। सरकार की चल रही योजनाओं और विकास कार्यों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया है। अंतरिम बजट एक सुखद आश्चर्य नहीं था। सुखद इसलिए क्योंकि वह कैपिटल एक्सपेंडिचर में कटौती किए बिना फिस्कल कंसोलिडेशन की प्रक्रिया को जारी रखने में सफल रहा है। इनसे यह सुनिश्चित हुआ है कि बुनियादी ढांचे के निर्माण पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

महेंद्र सिंह, राजनीतिक विश्लेषक

प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष कर की मौजूदा दरों में कोई चेंज नहीं है.अंतरिम बजट संयमित और विकास को गति देने वाला है। चुनाव से पहले बजट बजट में लोक लुभावना न करके एक उदाहरण पेश किया है। बजट में रेलवे, रक्षा और आधारभूत संरचना पर ज्यादा जोर दिया गया है।

मनीष खंडेलवाल, अध्यक्ष, गोरखपुर सीए एसोसिएशन

बजट अच्छा है। एजुकेशन सेक्टर में बजट कुछ खास नहीं दिखा। बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपए बजट में पेश किया गया। सरकारी संपत्ति कोष अथवा पेंशन कोष द्वारा किये गए निवेश, स्टार्टअप के लिए कर लाभ मार्च 2025 तक बढ़ाया गया यह अच्छा कदम है।

गिरीश चन्द्रा, एजूकेशनिस्ट

बजट बैलेंस है। स्वास्थ्य क्षेत्र में सर्वाइकल कैंसर के लिए टीका लगाना, 1 करोड़ घरों को 300 यूनिट मुफ्त सोलर ऊर्जा उपलब्ध करवाने का फैसला है। 2 करोड़ आवास से मध्यम वर्ग के लोगों को आसानी से आवास उपलब्ध हो जाए। हम व्यापरियों को थोड़ी निराशा हुई है कि आयकर में छूट नहीं बढ़ाई गई है। जोकि बढ़ानी चाहिए थी।

- कमलेश अग्रवाल, महामंत्री, चेम्बर ऑफ ट्रेडर्स

अंतरिम बजट विकास की नींव को मजबूत करता दिख रहा है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का लगातार बढऩा भी इसका सूचक है। इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट के कामों को बढ़ावा दिया गया है। उद्योगों और प्राइवेट सेक्टर को अब अनुसंधान एवं विकास की तरफ और अच्छी तरह से कदम बढ़ाने के लिए सरकार ने 1 लाख करोड़ के कोर्स को स्थापित किया है। टैक्स स्लैब में बदलाव न होने से आम करदाता में थोड़ी निराशा भी है।

आरएन सिंह, अध्यक्ष, चेम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज

बजट में घरेलू महिलाओं को लिए सरकार ने कुछ नहीं दिया है। कम से कम महंगाई के बारे में सरकार सोचे। हरी सब्जी, दूध, गैस, दाल-चावल के रेट आसमान छू रहे है। आवास की देने की बात बजट में है। वह भी जरूरतमंद को नहीं मिलता।

मीना, हाउसवाइफ

वित्तमंत्री ने बजट में विभिन्न क्षेत्रों के लिए घोषणाओं के बीच शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास सेक्टर के लिए भी कई घोषणा कीं। नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे, पीएमश्री में स्कूलों के लिए 4000 करोड़, पढ़ें शिक्षा क्षेत्र के लिए घोषणाएं हैं।

- कृष्ण कुमार मिश्रा, प्रबंधक, मॉडर्न हेरिटेज एकेडमी

आयकर में छूट नहीं दी गई है। आम आदमी को उम्मीदें थी की बजट में ऐसा घोषणा होगा, लेकिन नहीं हुआ। बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर, हेल्थ, स्टार्टअप पर जोर दिया गया है। यह एक मजबूत भारत का बजट है। इससे देश का विकास तेज होगा।

संजय अग्रवाल, डायरेक्टर परंपरा

मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल का अंतरिम बजट है। सरकार ने बजट बहुत ही बैलेंस पेश किया है। सरकार की चल रही योजनाओं और विकास कार्यों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया है। यह बजट बुनियादी ढांचे को और मजबूत करते। देश का विकास तेज होगा। बहुत ही सकारात्मक बजट रहा है।

पं। नरेंद्र उपाध्याय, ज्योर्तिविद

मोदी सरकार ने बजट बैलेंस पेश किया है। एमएसएमई में 45 दिन का पेमेंट सिस्टम रूल खत्म कर दिया है। यह अच्छा है आगे अगर फिर लागू करती है तो उसे कम से कम एक साल का समय दे या पहले ही बता दें इससे व्यापारी को बहुत राहत मिलेगी।

विनित पोददार, सांवारिया होलसेल क्लॉथ बाजार

सरकार मध्यमवर्गीय को ध्यान में रखकर बजट पेश किया है। यह बजट देशहित में है। चुनावी बजट नहीं है। इससे देश का विकास तेज होगा। व्यापारियों के लिए सरकार बहुत कुछ दे रही है। इन्फ्रास्ट्रक्चर, हेल्थ, स्टार्टअप पर सरकार ने जोर दिया है।

शंभू शाह, गीता होलसेल क्लॉथ