भारत बनाम बांग्लादेश के बीच कोलकाता में होने जा रहे पहले डे-नाइट टेस्ट के लिए बीसीसीआई ने तैयारी शुरु कर दी है। बोर्ड ने इस डे-नाइट टेस्ट के लिए 72 पिंक बाॅल बनाने का ऑर्डर दिया है।


नई दिल्ली (पीटीआई)। बीसीसीआई ने 22 नवंबर से ईडन गार्डन्स में होने वाले भारत के पहले डे-नाइट टेस्ट के लिए बाॅल निर्माता कंपनी एसजी को अगले सप्ताह तक 72 गुलाबी गेंदें देने के लिए कहा है। बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पहले ही पुष्टि कर दी है कि एसजी गुलाबी गेंदों का उपयोग इस ऐतिहासिक गेम के लिए किया जाएगा। एसजी कंपनी के सेल्स एंड मार्केटिंग डायरेक्टर पारस आनंद ने बुधवार को पीटीआई को बताया, 'बीसीसीआई ने छह दर्जन गुलाबी गेंदों का आदेश दिया है और हम उन्हें अगले सप्ताह के मध्य तक वितरित करेंगे। जैसा कि आपने दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला में देखा है, हमने अपने लाल 'एसजी टेस्ट' के साथ महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। ऐसा ही कुछ इस बार भी होगा।'लाल एसजी गेंद पर कोहली उठा चुके हैं सवाल


बताते चलें एसजी कंपनी की गेंदें पिछले कुछ समय से भारतीय खिलाड़ियों की पहली पसंद नहीं रही हैं। भारत के कप्तान विराट कोहली ने पिछले घरेलू सत्र में एसजी गेंदों पर सवाल खड़े किए थे। विराट का कहना था, कि ऑस्ट्रेलिया की कूकाबूरा और इंग्लैंड की ड्यूक गेंदों की तुलना में एसजी गेंद बहुत जल्दी खराब हो जाती है। हालांकि कोहली ने इस सीजन गेंद पर किए गए सुधारों को स्वीकार किया लेकिन भारतीय कप्तान का मानना है कि अब भी एसजी गेंद कम से कम 60 ओवरों तक सही बनी रहे।पिंक बाॅल बनाना बड़ी चुनौतीभारतीय गेंदबाजों को लाल एसजी गेंद में तमाम खामियां दिखती हैं। अब यही कंपनी पिंक बाॅल बनाने जा रही, ऐसे में कंपनी के लिए यह किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा। मगर कंपनी के डायरेक्टर आनंद को भरोसा है कि भारत और बांग्लादेश के बीच कोलकाता टेस्ट के लिए शीर्ष गुणवत्ता की गेंदों को पहुंचाया जाएगा। इनका कहना है, 'हमें पिछले सप्ताह गुलाबी गेंदों की संभावित आवश्यकता के बारे में बताया गया था इसलिए हम तैयार थे। हालांकि गुलाबी गेंद का टेस्ट अभी हो रहा है, हम 2016-17 सत्र से गेंद पर काम कर रहे हैं और संबंधित लोगों के साथ लगातार संपर्क में हैं।जल्दी गंदी होती है पिंक बाॅल

लाल गेंद की तुलना में, गुलाबी गेंद पर धूल ज्यादा चमकती है। इस गेंद के जल्दी गंदा हो जाने से इसे देखना कठिन हो जाता है। इस पर एसजी कंपनी का कहना है, कोटिंग की प्रक्रिया दोनों गेंदों के लिए अलग-अलग है और हां गुलाबी एक और अधिक धूल को आकर्षित करती है। उन्होंने कहा कि अगर हम कम समय में लाल गेंद के साथ महत्वपूर्ण सुधार कर सकते हैं, तो हम गुलाबी के साथ भी ऐसा कर सकते हैं।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari