भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच जोहानिसबर्ग में खेले गए पहले टेस्ट मैच में क्रिकेट प्रेमियों की सांसें अंत तक मैच के नतीजे को लेकर अटकी रहीं.


यहां तक कि जब डेल स्टने ने मैच की आखिरी गेंद पर छक्का जड़ा तब तक भी लोग या तो टेलिविज़न पर आंखें गड़ाए मैच देख रहे थे या कमेंट्री सुन रहे थे जबकि सबको मालूम था कि एक गेंद पर ना तो 14 रन बन सकते हैं और ना ही अब इस मैच का कोई फैसला निकलने वाला है.यानी पूरी तरह पैसा वसूल मैच वह भी ड्रॉ होने के बावजूद. दरअसल मैच के पहले चार दिन भारत दक्षिण अफ्रीका पर हावी रहा लेकिन उसके बाद जैसे ही पांचवे और अंतिम दिन का खेल आगे बढ़ता गया मैच भारत के हाथ से खिसकता गया.


दक्षिण अफ्रीका ने मैच के पांचवे दिन दो विकेट पर 138 रन से आगे खेलना शुरू किया और चाय के वक्त तक चार विकेट खोकर 331 रन बना लिए तो जैसे सबके मन में एक ही बात आ रही थी कि क्या अब भारत इस मैच में बच सकेगा.हार की भविष्यवाणी

और अंततः जब मैच समाप्त हुआ तब वह जीत के लक्ष्य से आठ रन पीछे थे और मैच ड्रॉ समाप्त हो गया. दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी में जब कप्तान ग्रैम स्मिथ और अलवीरो पीटरसन ने पहले विकेट के लिए 108 रनो की साझेदारी की थी. दरअसल भारत के लिए खतरे की घंटी तो तभी बज चुकी थी.अजिक्य रहाणे की चुस्त और तेज़ तर्रार फिल्डिंग की वजह से भारत मैच में बच पाया. उन्होने पहले तो खतरनाक बनते जा रहे स्मिथ और उसके बाद फाफ डु प्लेसिस को रन आउट कर दक्षिण अफ्रीका को बड़े झटके दिए वह भी बड़े ही महत्वपूर्ण अवसर पर.अब कुछ बात भारतीय टीम की भी हो जाए जिसकी वजह से मैच बेहद रोमांचक अदांज़ में समाप्त हुआ. मैच भले ही ड्रॉ रहा लेकिन कहने वाले कह रहे हैं कि ऐसा केवल भारतीय टीम के साथ ही संभव है कि वह 458 रन जैसे बड़े स्कोर का बचाव करने में भी बेबस नज़र आई.ज़हीर खान ने पहली पारी में शानदार गेंदबाज़ी की लेकिन दूसरी पारी में वे एकदम साधारण लगे. ऑफ़ स्पिनर आर अश्विन को तो दोनो पारियों में एक भी विकेट नही मिला. युवा बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा ने मैच की दोनो पारियों में विकेट पर टिकने का दमख़म दिखाया तो दूसरी पारी में शानदार शतक भी जमाया.क्रिकेट का हिस्सा

विराट कोहली थोड़ा बदकिस्मत रहे जो दोनो पारियों में शतक बनाने से चूक गए. इसके बावजूद भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की किस्मत के क्या कहने, एक समय निश्चित हार को ड्रॉ में बदलने में कामयाब रहे.वैसे कहने वाले कुछ भी कहते रहे लेकिन मैच का टर्निंग प्वॉयंट तब आया जब भारत की दूसरी पारी में क्षेत्ररक्षण करते हुए दक्षिण अफ्रीका के तेज़ गेदंबाज़ मोर्ने मोर्कल चोट खा बैठे और केवल दो ओवर की गेंदबाज़ी कर सके. भारत की पहली पारी में मोर्कल ने केवल 34 रन देकर तीन विकेट लिए थे.मैदान में उनकी ग़ैरमौज़ूदगी का पूरा फ़ायदा उठाते हुए भारत ने दूसरी पारी में 421 रन बना डाले.अब भले ही खेल के मैदान में यह सब क्रिकेट का एक हिस्सा हो लेकिन इसके बावजूद यही वह सब कारण थे जिसकी वजह से एक समय जोहिनिसबर्ग में क्रिकेट प्रेमियों की जान गले में अटक गई थी.मैच भले ही ड्रॉ रहा लेकिन जीत क्रिकेट की हुई.

Posted By: Subhesh Sharma