लो बेस इफेक्ट कम होने की वजह से चालू वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी की विकास दर 8.4 प्रतिशत रही है। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक हालांकि यह आंकड़ा कोविड महामारी से पहले की विकास दर को पार कर गया है।


नई दिल्ली (पीटीआई)। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में जीडीपी ग्रोथ 20.1 प्रतिशत पर थी। पिछले वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था अप्रैल-जून के दौरान 24.4 प्रतिशत सिकुड़ गई थी। नेशनल स्टेटिस्टिकल ऑफिस (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2020-21 में तुलनात्मक तिमाही जुलाई-सितंबर में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.4 प्रतिशत सिकुड़ गई थी।लाॅकडाउन से प्रभावित हुई थी अर्थव्यवस्थाकोविड-19 महामारी के दौरान पिछले वर्ष सरकार ने देश भर में लाॅकडाउन लगा दिया था। इस वर्ष अप्रैल के मध्य में देश में नोवल कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में राज्यों द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने की वजह से अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई थी। हालांकि अब अर्थव्यवस्था कोविड महामारी से पूर्व की विकास दर को पार कर चुकी है।35,73,451 करोड़ रुपये रही जीडीपी
मूल्य में बात की जाए तो वित्त वर्ष 2021-22 जुलाई-सितंबर में देश की जीडीपी 35,73,451 करोड़ रुपये रही। वित्त वर्ष 2019-20 के तुलनात्मक तिमाही में जीडीपी 35,61,530 करोड़ रुपये थी। पिछले वर्ष जुलाई-सितंबर में देश भर के लाॅकडाउन के दौरान जीडीपी सिकुड़ कर 32,96,718 करोड़ रह गई थी।

Posted By: Satyendra Kumar Singh