आज भारतीय आईटी कंपनियां अमेरिका में रोजगार के क्षेत्र में अव्‍वल दर्जे पर काम कर रही हैं। जिसको लेकर कई बार यह भी कहा जाता है कि भारतीय कंपनियां अमेरिका से रोजगार ले जा रही हैं। ऐसे में कल वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि आज भारतीय आईटी कंपनिया अमेरिका से जॉब ले नहीं जा रही बल्‍िक वहां पर बेहतर काम कर रही हैं। इस बात का खुलासा हाल ही में नासकॉम द्वारा तैयार रिपोर्ट में भी हुआ है।


अच्छी में दिशा में कामजानकारी के मुताबिक कल वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका में सक्रिय भारतीय आईटी कंपनियों को लेकर उठ रहे अपवादों को सिरे से खारिज किया। एक कार्यक्रम के दौरान उनका कहना था कि आईटी कंपनियों पर यह गलत आरोप लगते हैं कि वे अमेरिका से जॉब ले जा रही है। बल्कि ये भारतीय आईटी कंपनियां अमेरिका में अपनी योग्यता और निपुणता के आधार पर एक अच्छी में दिशा में काम कर रही हैं। उनका कहना था कि इन कंपनियों ने भारतीय प्रौद्योगिकी उद्योगों ने इस साल अमेरिका में 4,11,000 नौकरियां पैदा की। जिससे लाखों की जिंदगी संवर रही हैं। इसके साथ ये कंपनियां 20 अरब डॉलर से अधिक का टैक्स भुगतान कर रही हैं। जिससे अमेरिकी सरकार को भी फायदा हो रहा हैं।कंपनी विप्रो की तारीफ
इसके साथ ही उन्होंने हाल ही में इस दिशा में नासकॉम द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट की भी तारीफ की। उनका कहना था कि भारतीय आईटी कंपनियों के काम की तारीफ इस रिपोर्ट में की है। इस दौरान उन्होंने आईटी कंपनी विप्रो की जमकर तारीफ की। उनका मानना था कि विप्रो ने अमेरिका में अब तक अध्यापकों को प्रशिक्षित करने पर 80 लाख डॉलर खर्च किए हैं। इसके अलावा इन्फोसिस भी इस दिशा में काफी आगे है। इन्फोसिस ने कंप्यूटर शिक्षा के क्षेत्र में तेजी लाने के लिए व सुविधाओं के निर्माण में करीब 60 लाख डॉलर खर्च किए हैं। जिससे साफ है कि आज भारतीय आईटी कंपनियां लाखों की संख्या में रोजगार पैदा करने के साथ अमेरिकी सरकार को अरबों डॉलर का टैक्स अदा कर रही हैं।

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Posted By: Shweta Mishra