मूक लोगों की जबान बनेगा यह दस्ताना
चार भारतीय छात्रों का कमाल
बंगलुरु के अमृता स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के चार छात्रों अभिजीत भास्करन, अनूप जी नायर, दीपक राम और कृष्णनन अनंथनारायणन ने अपने मेंटर एच आर नंदी वर्धन के दिशा निर्देश में अमृता रोबोटिक्स लैब में ऐसे ग्लव्ज तैयार किए हैं जो हाथ के इशारों को आवाज में बदल सकते हैं। हालाकि ये दस्ताना अभी निर्माण के शुरूआती दौर में ही हैं और प्रत्येक अंगुली के द्वारा किए गए चार इशारे और कुल 70 इशारों को अंग्रेजी भाषा में बोलकर बताता है, लेकिन इसमें अभी और सुधार किया जायेगा।
कैसे काम करता है
छात्रों इस दस्ताने को नाम मुद्रा रखा है जो कि इशारों का ही एक पर्याय है। ये ग्लव 'मोशन सेंसर' तकनीक के जरिए काम करता है। इसे तारों के जरिए कंप्यूटर से जोड़ा गया है। हाथ से मूक भाषा की मुद्रायें बनाने पर ये ग्लव उनको इलेक्ट्रॉनिक रूप से अंग्रेजी भाषा के शब्दों में डीकोड करता है और फिर कंप्यूटर के स्पीकर के जरिए ये शब्द सुने जा सकते हैं। दस्ताने की प्रत्येक अंगुली और हाथ की हथेली में छोटे-छोटे सेंसर लगाए गए हैं, जो कि हर इशारे का विश्लेषण करते हैं।
अमेरिका में भी बने थे स्पीच ग्लव्ज
वैसे ऐसे ही एक दस्तानों का निर्माण करने का दावा अमेरिकी छात्रों के द्वारा भी किया गया था। अमेरिका में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के दो छात्रों ने $10,000 का Lemelson-MIT Student Prize जीता था। उनका कहना था कि उनके बनाये साइनअलाउड ग्लव्ज अमेरिकन साइन लेंग्वेज को आवाज और टेक्स्ट में बदल सकते हैं। ऐसे ही कुछ दावे ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया से भी सामने आये हैं।