-बाराबंकी के अहमद पुर स्थित टोल प्लाजा में मारपीट व फायरिंग का मामला

-वारदात मे शामिल इकबाल के दो गुर्गे अब भी फरार, तलाश जारी

-हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

LUCKNOW/BARABANKI : अपने रसूख और दौलत के दम पर अब तक कानून के शिकंजे से भागता फिर रहा बहुचर्चित टोल प्लाजाकांड का मुख्य आरोपी पूर्व राज्यमंत्री इकबाल आखिरकार बुधवार को पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। फिलहाल पुलिस इकबाल को लखनऊ में अरेस्ट करना बता रही है, पर, देररात तक उसे बाराबंकी नहीं लाया जा सका। चर्चा है कि इकबाल को बाराबंकी पुलिस की टीम ने दिल्ली से अरेस्ट किया है। हालांकि, इस वारदात में शामिल रहे उसके दो गुर्गे आबिद आब्दी और समर बहादुर सिंह अब भी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

80 रुपये के लिये दागी थीं गोलियां

बीती 8 जून को लखनऊ-फैजाबाद हाइवे पर जैदपुर एरिया स्थित अहमदपुर टोल प्लाजा पर महज 80 रुपये टोल न देने को लेकर पूर्व राज्यमंत्री इकबाल और उसके गुर्गो ने टोलकर्मियों से जमकर मारपीट की थी। इस दौरान इकबाल और उसके गुर्गो ने एक टोलकर्मी को किडनैप करने की भी कोशिश की थी साथ ही दहशत फैलाने के लिये ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। पूर्व मंत्री इकबाल की यह करतूत टोल प्लाजा के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। शुरुआत में कार्रवाई को लेकर ढिलाई बरत रही बाराबंकी पुलिस मामला मीडिया में आने के बाद आखिरकार 12 जून को हरकत में आई और वारदात में शामिल लग्जरी एसयूवी के ड्राइवर रिजवान और प्राइवेट गनर जोगेंद्र को एसयूवी और रिवॉल्वर के साथ अरेस्ट कर लिया था।

एसपी को नहीं पूरी जानकारी

इकबाल की अरेस्टिंग को लेकर लगातार मिल रही नाकामी के बाद मंगलवार को बाराबंकी कोर्ट ने उसके खिलाफ एनबीडब्लू जारी किया था। जिसके बाद उसकी तलाश में सरगर्मी से जुटे सीओ कैंट विशाल विक्रम सिंह और उनकी टीम ने बुधवार को आखिरकार इकबाल को अरेस्ट कर लिया। एसपी बाराबंकी अब्दुल हमीद ने बताया कि इकबाल को लखनऊ से अरेस्ट किया है। पर, उसके पास से क्या बरामद हुआ और अरेस्टिंग लखनऊ के किस एरिया से हुई, इस बारे में वह कोई भी जानकारी नहीं दे सके। वहीं, सीओ सिंह ने उसकी अरेस्टिंग लखनऊ के कैंट एरिया में किये जाने की पुष्टि की है।

दिल्ली में हुई अरेस्टिंग

बीते 9 दिनों से इकबाल के पीछे भाग रही पुलिस ने उसे अरेस्ट तो कर लिया, लेकिन उसकी अरेस्टिंग की जगह को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। सोर्सेज की मानें तो इकबाल को दिल्ली के लाजपतनगर एरिया से बाराबंकी पुलिस की टीम ने अरेस्ट कर लिया। यही वजह है कि उसे बुधवार देररात तक बाराबंकी नहीं लाया जा सका। चर्चाओं के मुताबिक, इकबाल फिलहाल गुड़गांव में एक आईपीएस ऑफिसर की मदद से शरण लिये हुए था। जहां से दिल्ली पहुंचने पर पुलिस टीम ने उसे धर दबोचा। वहीं, एसपी हमीद ने बताया कि इकबाल की अरेस्टिंग के बारे में गुरुवार को प्रेस ब्रीफिंग की जाएगी। इस ब्रीफिंग में इकबाल की अरेस्टिंग को लेकर उठ रहे सभी सवालों का जवाब दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस ब्रीफिंग में इकबाल को भी पेश किया जाएगा। इसके बाद उसे सीजेएम बाराबंकी की कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा।

असलहों के लाइसेंस होंगे निरस्त

तमाम ब्यूरोक्रेट्स, आईपीएस ऑफिसर और नेताओं से करीबी संबंध के चलते अब तक पुलिस व प्रशासन को अपनी जेब में समझने वाले बिगड़ैल पूर्व राज्यमंत्री इकबाल के बुरे दिन अब शुरू हो चुके हैं। एसपी अब्दुल हमीद ने बताया कि उसके खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और जिन असलहों के बल पर रौब गांठता था, उनके लाइसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

हाईकोर्ट से भी मिली निराशा

अरेस्टिंग से बचने के लिए तमाम दांवपेंच लगा रहे इकबाल को हाईकोर्ट से भी निराशा हाथ लगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में इकबाल की ओर से उसकी जमानत व उसके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को रद्द करने के लिये याचिका दायर की गई थी। लेकिन, हाईकोर्ट ने इकबाल के अपराध को गंभीरता से लेते हुए उसको जमानत देने से इनकार कर दिया और मामले की अगली सुनवाई के लिये 22 जून की तारीख निर्धारित कर दी। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एसएन शुक्ला ने यह फैसला सुनाया।

Posted By: Inextlive