आईआरसीटीसी की बेबसाइट पर जब लोग टिकट बुकिंग के लिए जाते है तो नो रूम शो करता है। नो रूम शो होने पर विजिटर समझता है कि साइट पर अधिक संख्‍या में विजिटर्स होने की वजह से ऐसा होता है। पर अधिक विजिटर्स होना इसकी वजह नहीं है। इसका असली कारण है साइट का हैक होना । बड़े स्‍तर पर रेलवे की टिकट ब्‍लेक करने वाले रेलवे की बेबसाइट के उस सॉफ्टवेयर को ही हैक कर लेतें है जिस‍के जरिए टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग होती है। आईआरसीटीसी के समानांतर है और भी कई ऐसी साइटें है जो अवैध सॉफ्टवेयर बेचती हैं। जिससे 10 से 20 सेकेंड में पीएनआर जनरेट करने का दावा किया जाता है।


आईआरसीटीसी को दलालों ने किया हैक रेलवे बेबसाइट पर ऑनलाइन टिकट बुक करने के वाले सॉफ्टवेयर को हैकर हैक कर लेते हैं। इस मामले को रेलवे काफी गंभीरता से लेकर इस पर निगरानी बनाए हुए है। रेलवे के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर की ऑनलाइन सेल ने यह सवाल खड़े किए हैं कि आखिर रेलवे की बेबसाइट पर आईआरसीटीसी कितनी सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि यह ऐस सॉफ्टवेयर है जो आईआरसीटीसी वेबसाइट को ही हैक कर लेता है। उन्होंने यह भी खुलासा किया है कि इस सॉफ्टवेयर  को उस एजेंसी के अधिकारियों की मदद के बिना डिवेलप नहीं किया जा सकता जो आईआरसीटीसी के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करती है।   दो टिकटों के 2000


पड़ताल के बाद पता चला जो कंपनी अवैध सॉफ्टवेयर बना कर बेचती है। लोग सॉफ्टवेयर बेचने वाली साइट को बुक होने वाले टिकटों की संख्या के मुताबिक हर महीने भुगतान कर दिया जाता है। जो सॉफ्टवेयर दो टिकट बुक करता है उसकी मासिक कीमत 2000 रूपए है। जबकि चार टिकटों की बुकिंग की फीस 2400 होती है। वहीं छह टिकट बुक करने वाले सॉफ्टवेयर की कीमत 2800 रूपये मासिक है और 12 टिकटों की बुकिंग करने वाले सॉफ्टवेयर की कीमत 4400 रूपये तय की गई है।

ओ टी पी की भी नहीं है जरूरत टिकटों की बुकिंग करने वाली ऐसी ही एक बेवसाइट है ब्लैक टीएस जो यूजर्स को सॉफ्टवेयर रन करने में आने वाली मुश्िकलों को तत्काल हल करने का दावा करती है। यहीं नहीं वन टाइम पासवर्ड की जरूरत को भी खत्म कर दिया गया है। तत्काल सॉफ्टवेयर डॉट कॉम नाम की एक बेवसाइट भी इस तरह के अवैध सॉफ्टवेयर करे बेच रही है। जिससे तत्काल टिकटों को तेजी से बुक करने का दावा किया जाता है। इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। जिनमे दलाल आईआरसीटीसी की बेवसाइट को ही हैक कर लेते हैं। साइट को हैक करने के बाद वह ऑनलाइन टिकट विंडो खुलने से पहले ही सभी टिकटों की बुकिंग कर लेते हैं।

Posted By: Prabha Punj Mishra