कानपुर के पुखरायां रेलवे स्‍टेशन के पास रविवार तड़के इंदौर पटना एक्‍सप्रेस के दुर्घटना ग्रस्‍त होने से 130 अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि 300 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलो को उपचार के लिए नजदीकी अस्‍पताल में भर्ती करवाया गया। रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा 1 रुपये का प्रीमियम देकर दस लाख का बीमा देने की घोषण करने के बाद यह पहला रेल हादसा है जिसमें इतनी संख्‍या में मौते हुई हैं। रेल बजट में प्रभु ने ऑनलाइन टिकट बुक करवाने वाले यात्रियों को 1 रुपये में दस लाख की कवरेज बीमा योजना का लाभ मिलने का ऐलान किया था। ऐसे में घायल या मृतक के परिजन कैसे इस बीमा का लाभ ले सकते हैं हम आप को बताने जा रहे हैं। ई-टिकट बुक करने वाले सभी भारतीय यात्रियों को इस बीमा योजना का लाभ मिलेगा।


इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे में इन यात्रियों को मिलेगा बीमा का लाइंदौर-पटना एक्सप्रेस में सफर करने वाले यात्रियों में कुल 410 लोगों ने ऑनलाइन टिकट बुक किया था। जिनमे 695 लोगों के नाम थे। इन यात्रियों में से सिर्फ 209 यात्रियों ने IRCTC द्वारा दिये जाने वाले 1 रुपये की बीमा योजना का चुनाव किया था। जिनमे 78 टिकटों पर सफर करने वाले 128 यात्रियों को ही इस बीमा योजना का लाभ मिल सकेगा। दुर्घटना में मरने वाले लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये मिलेंगे और घायलों को ग्रेडेड भुगतान किया जाएगा।इन यात्रियों को नही मिल सकेगा बीमा का लाभ


भारतीय रेल ने यी बीमा सुविधा सिर्फ भारतीय यात्रियों के लिए ही तय की है। अगर रेल हादसे के दौरान किसी दूसरे देश के यात्री की मौत होती है तो वह उस बीमा सुविधा का लाभ नही ले पाएगा। बीमा योजना में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए वैकल्पिक बीमा की सुविधा दी गई है। 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों के बीमा कवरेज के लिए यात्री को ईटिकट बुक करने के दौरान ही बच्चे का पूर्ण ब्योरा देना होगा। कैसे करें बीमा पाने के लिए आवेदन

यात्री के द्वारा बीमा का चुनाव करने के बाद आत्री और बीमा कंपनी के बीच दावा या दायित्व का मामला होता है। हादसे में मौत के मामले में कंपनी के द्वारा बीमा राशि का 100 प्रतिशत पेमेंट करेगी। दावों की सूचना तत्काल देनी होगी। हादसे के 4 माह बाद सूचना देने पर कोई कार्रवाई नही होगी। बीमा कंपनी के द्वारा दावे की प्रक्रिया दस्तावेज प्राप्त होने के 15 दिनो के अंदर ग्राहक या कानूनी वारिस को चेक भेजना अनिवार्य है। किसी भी दावे को खारिज करने से पहले आईआरसीटीसी के नोडल अधिकारी के साथ मामले पर विचार विमर्श करना बीमा कंपनी के लिए अनिवार्य है।

Business News inextlive from Business News Desk

Posted By: Prabha Punj Mishra