कोरोना मरीजों के आइसोलेशन को तैयार मेरठ रेलवे

- पांच कोच को आइसोलेशन कोच बनाने में जुटा रेलवे

- आइसोलेशन कोच भेजे जाएंगे दिल्ली, जरूरत के हिसाब से बढ़ सकती है संख्या

Meerut । तेजी से फैलती महामारी कोरोना वायरस से निपटने के लिए इंडियन रेलवे ने ट्रेनों के कोचों को आइसोलेशन वार्ड के रूप में बदलने का काम गत सप्ताह शुरु कर दिया था। इसके तहत पूरे देश भर में करीब 150 कोच तैयार हो चुके हैं। इनमें मेरठ से भी पांच कोच को बतौर आइसोलेशन कोच तैयार किया जा रहा है। इन कोच को तेजी से आईसोलशन वार्ड में बदलने का काम चल रहा है। अधिकारियों के मुताबिक अपडेशन का कार्य पूरा होने के बाद दो दिन के बाद इन्हें दिल्ली भेजा जाएगा। आइसोलेशन के लिए तैयार किए जा रहे कोच के बेसिक डिजाइन से लेकर शौचालय तक के डिजाइन में भी बदलाव किया जा रहा है।

वेंटीलेटर से लैस होंगे कोच

सिटी स्टेशन के कैरेज एंड वैगन विभाग को शुरुआत में पांच कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदलने का आदेश दिया है। इसके लिए गत सप्ताह से विभागीय कर्मचारियों ने काम करना शुरू कर दिया था। इसके तहत इन कोचों में बीच की बर्थ को हटाकर आइसोलेशन वार्ड बनाया जा रहा है। इतना ही नही कोच में दो बेड के बीच एक वेंटीलेटर लगाने की जगह बनाई जा रही है यानि प्रत्येक कोच में करीब 8 वेंटीलेटर की सुविधा मरीजों को मिलेगी। लेकिन ये वेंटीलेटर दिल्ली मुख्यालय की टीम कोच में जोडे़गी। इसके अलावा कोच के टॉयलेटस से लेकर इलेक्ट्रक सिस्टम को अपडेट किया जा रहा है। कोच में क्रॉस वेंटीलेशन के दौरान मच्छरों और धूल मिटटी से बचाव के लिए खिड़कियों पर जाली लगाई जाएगी। साथ ही साथ इमरजेंसी अलार्म और मेडिकल उपकरण लगाने की जगह बनाई जा रही है।

एक कोच में 16 मरीजों की सुविधा

एक आइसोलेशन कोच में कम से कम 8 और अधिक से अधिक 16 मरीजों को एक साथ इलाज दिया जा सकेगा। एक केबिन में दो मरीजों को एक साथ रखा जा सकता है। रेलवे इन कोच में मेडिकल सुविधाएं- जैसे ऑक्सीजन सिलिंडर, मेडिकल किट, वेंटिलेटर आदि सभी लगाकर तैयार कर रहा है। इसके साथ ही कोच में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

वर्जन-

कोरोना मरीजों के इलाज के लिए फिलहाल मुख्यालय से पांच कोच बनाने का निर्देश मिला है। हमने लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा कर दिया है। इसके बाद ये कोच दिल्ली भेजे जाएंगे जहां मेडिकल इक्यूपमेंट का काम पूरा होगा। कोच में साफ सफाई से लेकर बेड और टॉयलेटस को अपडेट किया जा रहा है।

- एसके गुप्ता, सीनियर सेक्शन इंजीनियर

Posted By: Inextlive