भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के छठे नेविगेशन उपग्रह आईआरएनएसएस-1 एफ का सफल प्रक्षेपण पीएसएलवी सी 32 के द्धारा किया गया। यान अंतरिक्षीय कचरे की की वजह से यह एक मिनट देरी से लॉन्‍च हुआ। इस उपग्रह के लॉन्‍च के बाद अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर भारत की स्थिती और मजबूत हुई है।


नेविगेशन सिस्टम होगा मजबूतध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी सी 32 ने श्रीहरिकोट के स्पेसपोर्ट में सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से आईआरएनएसएस-1 एफ को लेकर उड़ान भरी। इस उपग्रह को भेजने का उद्देश्य अमेरिकी ग्लोबल पोजशिनिंग सिस्टम के अनुरुप सही नेविगेशन सुविधा प्रदान करना है। इसरो भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली आईआरएनएसएस के तहत पांच उपग्रहों का प्रक्षेपण करा चुका है। इसरो के एक अधिकारी ने बताया आईआरएनएसएस प्रणाली का परिचालन शुरू करने के लिए चार उपग्रह पर्याप्त होंगे। बाकी के तीन उपग्रह इसे और अधिक सटीक और सक्षम बनाएंगे।इसरो को 7 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजने हैं
अधिकारी ने बताया चार उपग्रहों के प्रक्षेपण के साथ हम 18 घंटे तक नेविगेशन प्रदान करने में सक्षम थे। लेकिन पांचवें प्रक्षेपण के बाद हमारी क्षमता 20 मीटर तक सटीकता के साथ 24 घंटे की हो गई। छठा उपग्रह आईआरएनएसएस-1एफ और सातवां उपग्रह आईआरएनएस-1जी इस मामले में और सटीक तथा सक्षम होंगे। इसरो के वैज्ञानिकों ने सभी सात नेविगेशन उपग्रहों को मार्च 2016 तक कक्षा में स्थापित करने की योजना बनाई है। इस लिहाज से सीरीज का अंतिम उपग्रह इस महीने के अंत में भेजा जा सकता है।

Posted By: Prabha Punj Mishra