इंडियन स्‍पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ISRO कितना सक्षम है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यूएस ने सैटेलाइट भेजने के लिए भारत से मदद मांगी है। यानी कि पहली बार ऐसा होगा जब भारत निर्मित पोलर सैटेलाइट लॉन्‍च व्‍हीकल से अमेरिकी सैटेलाइट को अंतरिक्ष में पहुंचाया जाएगा।

अमेरिका बन जाएगा 20वां देश
इसरो के चेयरमैन ए.एस.किरन कुमार ने एक समारोह के दौरान इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत 19 देशों के 45 सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुका है और अगले 2 सालों में 28 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च किए जाएंगे। इसके साथ ही किरन कुमार ने यह भी बताया कि, इस बार अमेरिका भी इसरो से मदद मांग रहा है। इस तरह अमेरिका 20वां ऐसा देश बन जाएगा जो कॉमर्शियल लॉन्च के लिए इसरो से जुड़ेगा।
27 अगस्त को होगा लॉन्च
रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने की 27 तारीख को इसरो जीएसएलवी-मार्क 2 को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। 2.1 टन वजनी यह स्पेसक्रॉफ्ट कम्यूनिकेशन सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाएगा। किरन कुमार ने बताया कि, इसरो अगले साल 2016 के मध्य तक 7 सैटेलाइट छोड़ेगा। वहीं दिसंबर 2016 में क्रायोजेनिक इंजन वाला जीएसएलवी-मार्क-3 भी लॉन्च किया जाएगा। जो 4 टन के सैटेलाइट को अपने साथ ले जाएगा।
ब्रिटेन के 5 सैटेलाइट छोड़ चुका
आपको बताते चलें कि भारत ने जितने विदेशी सैटेलाइट छोड़े हैं, उसमें सबसे ज्यादा 5 ब्रिटेन के हैं। इसरो ने पीएसएलवी-सी 28 के जरिए ब्रिटेन के 5 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेज चुका है। ये सभी सैटेलाइट सबसे पुराने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 10 जुलाई को रात तकरीबन 9 बजकर 58 मिनट पर लॉन्च किए गए थे। वहीं इससे पहले इसरो ने 30 जून 2014 को भी विदेशी सैटेलाइट अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किए थे।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari