सिटी में बच्चों के स्टेम सेल सुरक्षित कराने का बढ़ रहा चलन

एक साथ कई बीमारियों का संभव होता है इलाज

ALLAHABAD: खतरनाक बीमारियों से अपने बच्चे का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए शहर में स्टेम सेल प्रीजर्व करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे पैरेंट्स की संख्या में इजाफा हो रहा है जिनके परिवार जेनेटिक डिजीजेज से जूझ रहे हैं। हालांकि, महंगी विधि होने की वजह से संपन्न लोग ही इस तरीके को अपना पा रहे हैं। ये पैरेंट्स अपने बच्चों की कॉर्ड (नाल) के स्टेम सेल सुरक्षित कराके एक तरह से सेहतमंद भविष्य की गारंटी ले रहे हैं। फिलहाल, विश्वभर में स्टेम सेल से दूसरे सेल्स डेवलप करके ब्लड रिलेटेड डिजीज से लेकर किडनी, लीवर, डायबिटीज, हार्ट स्ट्रोक तक के इलाज के लिए रिसर्च चल रही है, बावजूद इसके कई एजेंसियां हैं जो अलग-अलग हॉस्पिटल्स के माध्यम से शहर में यह सुविधा उपलब्ध करा रही हैं।

पहले से देनी होती है जानकारी

देश में करीब आधा दर्जन नेशनल और इंटरनेशनल कंपनियां आदि स्टेम सेल का प्रिजर्वेशन कर रही हैं। इसके लिए प्रेग्नेंसी के कुछ महीने पहले एजेंसियों से कांटेक्ट कर जरूरी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती है। डिलिवरी से ठीक पहले जानकारी देने से एजेंसी के डॉक्टर्स आकर कॉर्ड ब्लड कलेक्ट करते हैं। बच्चे के जन्म से 24 घंटे के अंदर इसे लैब में पहुंचाना जरूरी होता है। एजेंसियां अगले कई सालों तक इन सेल्स को प्रिजर्व करने की गारंटी दे रही है। ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ। एलएस ओझा बताते हैं कि पैरेंट्स में उत्सुकता बढ़ रही है और वह डॉक्टर्स से कंसल्ट कर रहे हैं।

स्टेम सेल से संभव है इलाज

स्टेम सेल के माध्यम से हार्ट अटैक, स्पाइनल कॉर्ड इंज्युरी, ल्यूकीमिया, थैलीसीमिया जैसी ब्लड और टिश्यू रिलेटेड डिजीज का इलाज संभव बताया जाता है। इसके अलावा ट्रांसप्लांट करना, किडनी, लीवर डेवलपमेंट आदि भी संभव हैं। दरअसल, स्टेम सेल ऐसी कोशिकाएं होती हैं, जिनमें शरीर के किसी भी अंग को विकसित करने की क्षमता होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार इन कोशिकाओं को शरीर की किसी भी कोशिका की मरम्मत के लिए प्रयोग किया जा सकता है। मान लीजिए कि हृदय की कोशिकाएं खराब हो गई हैं तो स्टेम सेल की मदद से उन्हें विकसित कर प्रत्यारोपित किया जा सकता है।

प्रिजर्वेशन में लगते हैं हजारों रुपए

स्टेम सेल प्रिजर्व कराना फिलहाल काफी महंगी पद्धति है। इसे आम जनता के लिए अफोर्ड करना आसान नहीं है। देश-विदेश में जारी रिसर्च के बाद माना जा रहा है आने वाले दिनों यह पद्धति काफी सस्ती हो सकती है। वर्तमान में हजारों रुपए का खर्च आ रहा है। शहर के डेंटल हॉस्पिटल्स में भी यह सुविधा उपलब्ध है। डॉक्टर्स कहते हैं कि लोगों में स्टेम सेल प्रिजर्वेशन के लिए लगातार उत्सुकता बढ़ती जा रही है।

Posted By: Inextlive