भारतीय इतिहास में हमेशा-हमेशा के लिए यादगार हो गया 13 अप्रैल 1919 का दिन। यही वो दिन है जब ब्रिटिश लेफ्टिनेंट जनरल रेगिनाल्ड डायर ने अमृतसर के जलियावाला बाग में इकट्ठे हजारों निहत्थे मासूम भारतीयों पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थीं। इस कांड में 1000-2000 मासूम भारतीयों ने अपनी जान गवां दी थी। आइए तस्वीरों के जरिए जानें इस नरसंहार की पूरी कहानी।
By: Ruchi D Sharma
Updated Date: Thu, 13 Apr 2017 01:20 PM (IST)
13 अप्रैल 1919 का दिन था वो जब अमृतसर के जलियावाला बाग में हजारों निहत्थे और मासूम भारतीय अंग्रेजों की ताबड़तोड़ गोलियों का शिकार हो गए। ब्रिटिश लेफ्टिनेंट जनरल रेगिनाल्ड डायर ने इस कांड को अंजाम दिया। बाग से निकलने का जो सिर्फ एक रास्ता खुला था उस रास्ते पर जनरल डायर ने हथियारबंद गाड़ियां खड़ी करवा दी। उन सब के हाथों में भरी हुई राइफलें थीं। सैनिकों ने बाग़ को घेर कर बिना कोई चेतावनी दिए निहत्थे लोगों पर गोलियाँ चलानी शुरू कर दीं। 10 मिनट में कुल 1650 राउंड गोलियां चलाई गईं। वहां से भागने के लिए हिन्दुस्तानियों को कोई रास्ता नहीं मिला। कुछ लोग जान बचाने के लिए मैदान में मौजूद एकमात्र कुएं में कूद गए, पर देखते ही देखते वह कुआं भी लाशों से पट गया।
पूरा कांड खत्म होने के बाद वहां मौजूद कुएं से 200 से ज्यादा शव बरामद हुए थे। वैसे बता दें कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में इस घटना को निर्णायक भूमिका के तौर पर देखा जाता है।
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Posted By: Ruchi D Sharma