राज्यपाल राम नाईक ने रामानंद चट्टोपाध्याय के 150वीं जन्मवार्षिकी समारोह का किया उद्घाटन

बंगाली एजूकेशनल सोसाइटी ने किया तीन दिवसीय समारोह का आयोजन

ALLAHABAD: बंगाली एजूकेशनल सोसाइटी, कायस्थ पाठशाला व इंडियन प्रेस के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को तीन दिवसीय रामानंद चट्टोपाध्याय 150वीं जन्मवार्षिकी समारोह का शुभारंभ हुआ। मुख्य अतिथि यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि पहले के दौर में पत्रिकारिता मिशन थी। पूंजीवाद के बढ़ते दबाव ने पत्रकारिता को बदल दिया। जहां पहले लोग संकल्प लेकर पत्रकारिता में आते थे अब वह बिजनेस का रुप ग्रहण करती जा रही है।

केशरी में नहीं होता था विज्ञापन

नाईक ने बाल गंगाधर तिलक के पत्र केसरी का उल्लेख करते हुए कहा कि केसरी एक साप्ताहिक पत्र था। उसमें चार पेज होते थे, लेकिन कोई विज्ञापन नहीं होता था। आज लोग संपादकीय नहीं पढ़ते हैं। पहले अखबार हाथ में आते ही लोग संपादकीय पेज खोलते थे। संपादकीय पेज से ही तय होता था कि अखबार की सोच क्या है। अब ऐसा नहीं होता।

मुखरता से रखते थे अपनी बात

केपी ट्रस्ट के अध्यक्ष चौधरी राघवेन्द्र नाथ सिंह ने कहा कि रामानंद चट्टोपाध्याय केपी इंटर कॉलेज के पहले प्रधानाचार्य थे। उन्होंने कायस्थ अखबार उर्दू का अंग्रेजी में प्रकाशन किया था। इंडियन प्रेस इलाहाबाद के प्रबंध निदेशक कल्याण घोष ने इंडियन प्रेस के संस्थापक चिंतामणि घोष व रामानंद जी की मित्रता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रामानंद जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और समाज में व्याप्त विसंगतियों पर मुखरता से अपनी बात रखते थे। संयोजक डॉ। महेश चंद्र चट्टापोध्याय ने रामानंद जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला।

समाज सेवा की प्रतिमूर्ति थे

समारोह की अगली कड़ी के रुप में रामानंद के कृतित्व व व्यक्तित्व पर संवाद आयोजित किया गया। इलाहाबाद संग्रहालय में हुए संवाद में शांति निकेतन रविन्द्र भवन कला संग्रहालय की निर्देशिका प्रो। तपती मुखोपाध्याय ने कहा कि रामानंद बाबू न केवल एक पत्रकार थे बल्कि उच्च कोटि के सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। जब इलाहाबाद में प्लेग फैला था तो उन्होंने मदन मोहन मालवीय के साथ मिलकर लोगों के उपचार व उद्धार के लिए प्रयास किया था। इस दौरान चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई।

Posted By: Inextlive