- 'आप' के कैंडीडेट जावेद जाफरी ने लखनऊ की गलियों में शुरू किया अभियान

- करप्शन और कम्युनिलिज्म से लड़कर विकास के मुद्दों पर बनाया फोकस

- सात को धूम-धड़ाके के साथ फाइल करेंगे अपना नॉमिनेशन

sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW: 'मैं मुसलमान बनकर नहीं भारतीय बनकर यहां चुनाव लड़ने आया हूं। देश में कोई हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख नहीं सब भारतीय हैं। नो वन इज माइनॉरिटी एवरीवन इज इंडियन। यूपी की पॉलिटिक्स में कास्ट और रिलीजन का बड़ा रोल है। मैं उसी से लड़ने आया हूं। नेताओं ने खिलवाड़ मचा दिया है धर्म के नाम पर.' इन कड़े तेवरों के साथ आम आदमी पार्टी के लखनऊ के कैंडीडेट जावेद जाफरी ने सिटी में अपना रोड शो शुरू किया। इस दौरान उनके साथ उनकी वाइफ भी मौजूद हैं। वे सात तारीख को अपना नॉमिनेशन फाइल करेंगे।

क्या पुराने कैंडीडेट सपोर्ट करेंगे?

जहां तक आदर्श शास्त्री का सवाल है, वे इलाहाबाद से कैंडीडेट हैं और अच्छे वोटों के साथ चुनाव जीतेंगे। यह पार्टी का निर्णय था कि उन्हें वहां से लड़ाया जाए। इलियास आजमी साहब भी हमारे लिए सपोर्ट कर रहे हैं। लखनऊ पहुंचते ही सबसे पहला फोन उन्हीं का आया। आपसे पहले उन्हीं से बात कर रहा था।

आप बाहर से हैं कैसे जीतेंगे

यह सवाल सिर्फ मुझसे ही क्यों? यहां राजनाथ और रीता बहुगुणा भी लखनऊ की नहीं हैं और मोदी भी बनारस के नहीं हैं। मुद्दा यह है कि कैंडीडेट ईमानदार होना चाहिए। हम हिंदुस्तानी हैं और पूरा हिंदुस्तान सबका है किसी का इनहेरीटेंस नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि कुछ लोग कह रहे हैं कि आपको मुसलमानों का वोट काटने के लिए लाया गया तो उन्होंने नाराजगी भरे लहजे में कहा कि मैं मुसलमान नहीं भारतीय हूं। 8ब् के दंगे हों या गोधरा और अन्य दंगे। हर जगह जब किसी को दर्द हुआ तो मुझे भी उतना ही दर्द हुआ।

जीतने के बाद यहीं रहूंगा

जावेद जाफरी ने बताया कि चुनाव तक वह यहीं रहेंगे। आने में देर जरूर हुई है लेकिन जीत के लिए वह रात दिन एक कर देंगे। घर-घर जाकर लोगों से वोट मांगूंगा और सच्चाई का साथ देने को कहूंगा। चुनाव जीतने के बाद भी यहीं रहूंगा। एक घर मेरा मुम्बई में है और एक यहां रहेगा। ज्यादा समय लखनऊ के लिए होगा। अब मैं अभिनेता से नेता बन गया हूं।

दो घंटे करना पड़ा इंतजार

लखनऊ में वह लगभग सवा दस बजे की फ्लाइट से पहुंचे और पहुंचे ही उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रोड शो की परमीशन देर से मिलने पर उन्हें एयरपोर्ट के बाहर ही ख् घंटे तक इंतजार करना पड़ा। वह कार्यकर्ताओं के साथ ही वहीं फुटपाथ पर बाउंड्री के किनारे बैठे रहे और कार्यकर्ताओं से परिचय करते रहे। जब आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि किसकी गलती है और पहले से परमीशन क्यों नहीं ली गई? इस पर उनका जवाब था कि यह सिस्टम है। समय से परमीशन के लिए आवेदन दे दिया गया था लेकिन मिल नहीं पाई। कोई दिक्कत नहीं सरकारी कामकाज में ऐसा होता है। वह कड़ी धूप में कार्यकर्ताओं के साथ कभी हंसी-मजाक तो कभी सीरियस बातें करते नजर आए।

जनता सब जानती है

अरविंद केजरीवाल ने जो किया आम जनता सब जानती है। हम अपना काम करने आए हैं और जनता पर छोड़ते हैं। कुछ लोग उन्हें भगोड़ा कहते हैं, क्योंकि उनके पास केजरीवाल को घेरने के लिए कोई मुद्दा नहीं है। केजरीवाल पर न भ्रष्टाचार, न क्रिमिनल हिस्ट्री न कोई और मामला है। वह काम करने आए थे। आज गांव में कोई प्रधान अपनी प्रधानी नहीं छोड़ता तो वह तो सीएम थे। अब लोगों को उन्हें घेरने के लिए कुछ तो चाहिए।

मैं पार्टी के लिए मुम्बई में काम कर रहा था पार्टी ने कहा कि आपको चुनाव लड़ना है तो मैं यहां चुनाव लड़ने चला आया। मेरे लिए पूरा हिन्दुस्तान मेरा देश है। लखनऊ की आबो हवा और बोली से परिचित हूं इसलिए यहां आया हूं।

कुछ पार्टियों ने पिछले म्0 सालों में देश को कुरेद कुरेद कर खोखला कर दिया है। मैं काम करने आया हूं कोई पैसा कमाने नहीं। पैसे के लिए मेरा प्रोडक्शन हाउस है।

कांग्रेस और बीजेपी में क्रिमिनल्स हैं ऐसे में देश का भविष्य क्या होगा। आम आदमी पार्टी में कोई दागी कंडीडेट चुनाव नहीं लड़ पाएगा। मैं जनता से अपील करुंगा कि अन्य पार्टियों को आपने म्0 साल दिए हैं अब हमें मौका दीजिए। हम पैसा बनाने नहीं रिजल्ट देने आए हैं।

जगह जगह हुआ स्वागत

लगभग सवा क्ख् बजे अपने कार्यकर्ताओं के साथा जावेद जाफरी अपने कार्यकर्ताओं के साथ एयरपोर्ट से रोड शो करते हुए निकले। कृष्णा नगर, आलम बाग, मवैय्या चारबाग, हजरतगंज हर जगह उनका स्वागत किया गया। आलम बाग से मवैय्या पुल तक उन्होंने बाइक की सवारी भी की। रास्ते में चलते हुए दुकानदारों पब्लिक का अभिवादन भी किया। इसके बाद जावेद ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ शहीद स्मारक पर पहुंच कर शहीदों को श्रृदांजलि भी दी। इसके बाद वह सीतापुर रोड स्थित गेस्ट हाउस में पहुंचे।

जब मक्खन ने पिलाई शिकंजी

हजरतगंज में अचानक अपनी गाड़ी रुकवाकर जावेद एक शिकंजी वाले के पास पहुंच गए। उन्होंने उससे शिकंजी ली। उसका नाम पूछा और रुपए देकर आगे बढ़ गए। शिकंजी विक्रेता मक्खन कश्यप ने बताया कि इस बार आम आदमी पार्टी को ही वोट दूंगा। नगर निगम वाले हर रोज भ्00 रुपए ले लेते हैं। पिछली बार सपा को दिया था लेकिन अब नहीं।

Posted By: Inextlive