सिटी के ऑटो स्टैंड में पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है.


जमशेदपुर(ब्यूरो): ऑटो स्टैंड की नीलामी नहीं होने से हर साल करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। पार्किंग के नाम पर वसूली जा रही राशि राजस्व के तौर पर सरकार के खाते में नहीं आती और न ही कोई इसका हिसाब रखता है। यह राशि किसी खास की जेब में जाती है। इस मनमानी की ओर किसी का भी ध्यान नहीं है। इस तरह के किसी भी मामले में जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी से जब भी संपर्क करने का प्रयास किया जाता है, वे फोन पर उपलब्ध नहीं होते। इस खबर को लेकर भी जब मामले की जानकारी के लिए उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। लाइन टेकरी के नाम पर वसूली
सिटी में टेंपो स्टैंड की नीलामी की परंपरा नहीं है। इस कारण यह चंद लोगों के कब्जे में है। यहां लाइन टेकरी के नाम पर प्रति ऑटो वसूली की जाती है। यह सब कुछ नंबर देने के नाम पर किया जाता है। यह पैसा कहां जाता है, क्या होता है, इससे किसी को कोई सरोकार नहीं है। वसूली कर रहे दलाल


टेम्पो स्टैंड पर कोई सुविधा नहीं है। यही नहीं जमीन सरकार और प्रशासन की है और उन्हें टेम्पो स्टैंड के नाम पर दे दिया गया है और कुछ दलाल किस्म के लोग वहां वसूली करते हैं। जमीन सरकारी की, लेकिन वसूली का पैसा किसी खास की जेब में जाता है।प्रति ऑटो वसूले जाते हैं 20 रुपए सिटी के टेम्पो स्टैंड में दलाल किस्म के लोगों द्वारा प्रति ऑटो 20 रुपए की वसूली की जाती है। हालांकि इस 20 रुपए में से एक भी रुपया सरकारी खजाने में नहीं जाता। ऐसे में सवाल यह है कि सरकारी जमीन पर पैसे वसूलने का अधिकार क्या किसी को है। अगर नहीं तो लंबे समय से चल रहे इस गोरखधंधे पर सरकार या प्रशासन की ओर से रोक क्यों नहीं लगायी जाती।नगर विकास सचिव को लिखा पत्र इधर, पूरे मामले में बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान के मुख्य संयोजक सदन कुमार ठाकुर ने झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग के सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि टेम्पो स्टैंड की नीलामी नहीं होने की वजह से दलालों द्वारा हर साल सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है।

निजी वाहन चालकों से प्रतिदिन पार्किंग के नाम पर राजस्व की वसूली की जाती है, लेकिन ऑटो चालकों से पार्किंग के नाम पर कोई राजस्व नहीं लिया जाता है। इसका फायदा उठाकर स्टैंड के दलाल प्रति ऑटो 20 रुपए की वसूली करते हैं। ऐसे में स्टैंड की नीलामी होने से सरकार को राजस्व का लाभ होगा।-सदन कुमार ठाकुर, मुख्य संयोजक, बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थानहमने यह मुद्दा उठाया था। ऑटो स्टैंड में सरकार द्वारा सुविधाएं दी जानी चाहिए। स्टैंड केवल नाम का है। वहां वसूली एक बड़ा मुद्दा है। यह पैसा कहां जा रहा है, किसी को कुछ नहीं पता। इसका मतलब यह अवैध है। इसका फायदा ऑटो वालों को नहीं मिल रहा। इसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए। ऑटो चालकों का इंश्योरेंस भी नहीं है। हमने ईएसआई और पीएफ देने की तैयारी की थी, लेकिन किसी का सहयोग नहीं मिला। -संतोष मंडल, अध्यक्ष, झारखंड शिक्षित बेरोजगार ऑटो एसोसिएशन

Posted By: Inextlive