Changing weather can be harmful for your baby
वाटर बॉर्न डिजीज का बढ़ा खतरा
एमजीएम के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ केके चौधरी ने बताया कि यह एक वाटर बॉर्न डिजीज है। पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश की वजह से जगह-जगह पानी भर गया है। इससे प्रॉब्लम बढ़ रही है। एमजीएम सुपरिंटेंडेंट एसएस प्रसाद ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में एमजीएम हॉस्पिटल आ रहे पेशेंट्स में से करीब 30-35 परसेंट लोगों को एक्यूट गैस्ट्रोएंट्राइटिस या वायरल फीवर के केसेज आ रहे हैं।
बच्चों में बढ़ रहा है pneumonia
इतना ही नहीं इन दिनों निमोनिया का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है। डॉक्टर्स के मुताबिक चेजिंग वेदर में इम्यूनिटी लेवल थोड़ा डाउन हो जाता है और इम्यून डिफिसिएंसी निमोनिया का एक बड़ा कारण है। गौर करने वाली बात तो यह है कि निमोनिया की गिरफ्त में आने वालों में सबसे ज्यादा न्यू बॉर्न बेबीज हैं। एमजीएम के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ एस मुर्मू बताते हैं कि न्यू बॉर्न बेबीज का इम्यूनिटी लेवल बहुत वीक होता है। इसलिए वे निमोनिया की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। उन्होंने बताया कि ये बीमारी ज्यादातर बैक्टिीरिया और वॉयरस से फैलती है। ये कभी-कभी फंगस और पैरासाइट्स के चलते भी पनप सकती है। उन्होंने बताया कि इन दिनों निमानिया के कई केसेज आ रहे हैं।
'इन दिनों एक्यूट गैस्ट्रोएंट्राइटिस और वॉयरल फीवर के सबसे ज्यादा पेशेंट्स आ रहे हैं। मेरे पास डेली कम से कम 10 पेशेंट्स तो आ ही रहे हैं.'
-डॉ बलराम झा, फिजिशियन, एमजीएम
'निमोनिया को लेकर ग्राफ काफी तेजी से बढ़ा है। इसका सबसे ज्यादा शिकार न्यू बॉर्न बेबीज हो रहे हैं, क्योंकि उनमें इम्यूनिटी लेवेल काफी डाउन होता है.'
-डॉ एस मुर्मू, चाइल्ड स्पेशलिस्ट, एमजीएम
'मानसून में हाइजिन्स का ख्याल रखें। पानी को ब्वॉयल करके ही पीएं और हो सके तो उसमें ग्लूकोज एड कर लें। रोड साइड जंक फूड को अवॉयड करें.'
-डॉ केके चौधरी, चाइल्ड स्पेशलिस्ट, एमजीएम