जमशेदपुर: दलमा चाइल्ड लाइफ सेंचुरी में घटे हाथी और अन्य जानवर, आखिर क्यों?
JAMSHEDPUR: दलमा वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी में लगातार हाथियों की संख्या में कमी आती जा रही है। ऐसा पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से हो रहा है। हाथी पलायन कर बंगाल तथा ओडिशा के जंगलों की तरफ जा रहे हैं। मई 2017 की गई गणना के अनुसार दलमा में 96 हाथी थे, जो अब घटकर 47 रह गए है, वही मोर तथा लंगूर के संख्या में भी कमी आई है। वही भालू के संख्या में बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल के मुकाबले देखा जाए तो इस साल हाथियों की संख्या में 50 फीसद की कमी आई है। दलमा से भालू को छोड़ कर हर जानवरों की संख्या में कमी आई है। पिछले साल भालू की संख्या 12 थी जो अब बढ़कर 13 हो गई, वन मामलों के जानकारों के अनुसार दलमा वन्य क्षेत्र में हाथियों की संख्या में कमी को गंभीर माना जा रहा है।
इस साल का आया रिजल्ट
इस साल किए गए गणना का परिणाम पिछले महीने आया है, परिणाम अनुसार गत वर्ष की गणना अनुसार हाथियों की संख्या में करीब 50 फीसद कमी आई है। पिछले साल वर्ष हाथियों की संख्या 96 थी, जो अब 47 ही बची है। दलमा वन्य हाथियों के लिए संरक्षित आश्रयणी है। ऐसे में हाथियों की संख्या का लगातार कम होना गंभीर विषय है। ऐसे चलता रहा तो एक समय ऐसा भी आ सकता है। सारे हाथी पलायन कर जाएंगे। इस बार की गणना के अनुसार 47 हाथी पाए गए, जिनमें 27 मादा हाथी और 13 नर हाथी व इनके साथ 7 बच्चे पाए गए।
अन्य जानवरों में भी कमी इस साल हुई की गणना में केवल हाथियों की संख्या में कमी नही आई है इसके साथ जंगली सूअर, बंदर, लंगूर और लाल गिलहरी, कोटरा, वन मुर्गी और मोर की संख्या में कमी आई है। जिसमें मोर 77 से घटकर 53 रह गए तथा वन मुर्गी 209 से 78 ही रह गए है।
ऐसे हुई गणना
वन अधिकारियों ने बताया जानवरों की संख्या के लिए दलमा में जलाशयों का उपयोग किया। जानवरों की गणना के लिए दलमा के 35 जलाशयों पर वन कर्मचारियों को लगाया गया था। जंगल में जानवरों की संख्या की गिनती के लिए जलाशयों पर की जाने वाली गणना सटीक मानी जाती है, क्योंकि गर्मी के दिनों में हर प्रकार से पशु-पक्षी पानी पीने जलाशयों पर पहुंचते हैं। साथ ही जानवरों की संख्या के लिए गुफाओं का उपयोग भी किया जाता है।
दलमा में जानवरों की संख्या जानवर 2017 2018हाथी 96 47कोटरा 137 63लंगूर 15 38भालू 12 13जंगली सूअर 183 153लाल गिलहरी 46 39बंदर 649 496वन मुर्गी 209 78मोर 77 53
दलमा में काफी संख्या में हाथी पलायन कर ओडि़शा तथा बंगाल की तरफ जा रहे हैं। इस वजह से इनकी संख्या में कमी आई है। ये हाथी वापस दलमा आ आ जाते हैं। जलाशयों में पानी पीने के दौरान उनकी गणना की जाती है।चंद्रमौली सिन्हा, डीएफओ, दलमा