Generic medicines की unavailability पर उठे सवाल
पहले सुनिश्चित हो quality
इंडियन मेडिकल काउंसिल (प्रोफेशनल कंडक्ट, एटीकेट एंड इथिक्स) रेग्यूलेशन का हवाला देते हुए एमसीआई ने 21 जनवरी को एक डायरेक्टिव जारी करते हुए सभी डॉक्टर्स को जेनरिक मेडिसिन्स प्रिस्क्राइब करने की बात कही थी। पर डॉक्टर इस आदेश पर सवाल खड़ा करने लगे हैैं।
स्टेट मेडिकल काउंसिल के प्रेसिडेंट बीके वर्मा कहते हैैं कि ऐसा कोई भी नियम बनाने से पहले जेनरिक दवाओं की क्वालिटी कंट्रोल की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जेनरिक दवाओं के इस्तेमाल को बढ़ाने से पहले ये सुनिश्चित करना जरूरी है कि इन दवाओं की क्वालिटी के साथ छेड़छाड़ नहींहो।
अब तक start नहीं हुआ जन औषधि केंद्र
गवर्नमेंट की ओर से जेनरिक मेडिसीन को बढ़ावा देने के लिए एमजीएम हॉस्पिटल में जन औषधि केंद्र की भी स्थापना की गई थी, पर इनॉगरेशन होने के करीब छह महीने के बाद भी इसे स्टार्ट नहीं किया जा सका है।
जेनरिक मेडिसिन्स प्रिस्क्राइब करने के लिए डॉक्टर्स रेडी हैं, ये हर जगह अवेलेबल नहीं हैं। ऐसे में पेशेंट्स-डॉक्टर्स दोनों को परेशानी होती है।
डॉ अरुण कुमार, प्रेसिडेंट, आईएमए झारखंड