-कॉलेज के दो स्टूडेंट्स का एनआईटी त्रिची और वीआइटी वेल्लूर ने एडमिशन लेने से मना किया था

-केयू के बीसीए की डिग्री को फर्जी बताया गया था, मामले को लेकर वर्कर्स कॉलेज में हुआ हंगामा

-वर्कर्स कॉलेज में वोकेशनल का एडमिशन बंद कराया गया

-दूसरे कॉलेजेज में भी वोकेशनल का एडमिशन बंद कराने का किया ऐलान

JAMSHEDPUR: कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) के बीसीए और बीबीए की डिग्री को लेकर गुरुवार को वर्कर्स कॉलेज में जमकर हंगामा हुआ। इस कॉलेज से बीसीए करने वाले के दो स्टूडेंट्स को एनआईटी त्रिची और वीआईटी वेल्लूर में एमसीए में एडमिशन नहीं मिलने और डिग्री को फर्जी बताए जाने के बाद मामला गर्म होता दिख रहा है। इस मामले को लेकर बुधवार को वर्कर्स कॉलेज के दोनों ही स्टूडेंट्स संजीव कुमार और विकास मिश्रा ने डीसी ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया था। एनआईटी और वीआईटी मैनेजमेंट ने कहा कि उनकी मार्कशीट में बीसीए की जगह बीकॉम ऑनर्स इन वोकेशनल लिखा हुआ है, इसलिए यह डिग्री मान्य नहीं है। इसी तरह बीबीए कोर्स कंप्लीट करने के बाद स्टूडेंट्स को बीए ऑनर्स इन वोकेशनल की डिग्री प्रदान की जाती है।

वोकेशनल का एडमिशन बंद कराया गया

वर्कर्स कॉलेज में गुरुवार को पहुंचे स्टूडेंट्स और झारखंड छात्र मोर्चा (जेसीएम) के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज में हंगामा किया। इसके बाद कॉलेज में हो रहे बीबीए, बीसीए और बीएससी आईटी का एडमिशन रोक दिया। छात्र नेताओं का कहना था कि इस कॉलेज के बाद दूसरे कॉलेजों में भी वोकेशनल कोर्स का एडमिशन बंद करा दिया जाएगा। जेसीएम कार्यकर्ताओं ने कहा कि शुक्रवार को इस मामले को लेकर सीएम आवास का घेराव किया जाएगा।

कोल्हान यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने का क्या मतलब है। एडमिट कार्ड में बीसीए लिखा और डिग्री दी जाती है बीकॉम ऑनर्स इन वोकेशनल की। अगर बीसीए की डिग्री नहीं मिलेगी तो इतने पैसे क्यों लिए जाते हैं कोर्स फीस के रूप में।

- संजीव कुमार, स्टूडेंट

बाहर में हमारा एडमिशन नहीं हुआ। कहा गया कि इस तरह की कोई डिग्री ही नहीं होती। तो हम इतने पैसे देकर बीसीए और बीबीए क्यों करें। स्टूडेंट्स को डार्क में क्यों रखा जाता है। यूनिवर्सिटी को इसका जवाब देना होगा।

- विकास मिश्रा, स्टूडेंट

स्टूडेंट्स के साथ धोखा किया जा रहा है। बीबीए और बीसीए जैसे वोकेशनल कोर्स के नाम पर पैसे लिए जाते हैं जबकि उसकी डिग्री नहीं दी जाती। वर्कर्स कॉलेज में वोकेशनल कोर्स का एडमिशन बंद करा दिया गया है अब दूसरे कॉलेजों की बारी है। जेसीएम इस मामले पर सीएम आवास का घेराव करेगी।

- हेमंत पाठक, झारखंड छात्र मोर्चा

पहले जो भी हुआ है हम उसे तो बदल नहीं सकते। फिलहाल सभी कॉलेजों से उस प्रॉस्पेक्टस को वापस मंगवा लिया गया है जिसमें कोर्स का नाम बीबीए और बीसीए लिखा हुआ था। कॉलेजों को एडमिशन के समय यह क्लियर कर देना चाहिए कि स्टूडेंट्स को कौन सी डिग्री मिलेगी। नया रेगुलेशन बनाया जा रहा है, जिसमें समय लगेगा। उसका सिलेबस भी अलग होगा तब जाकर बीबीए और बीसीए की डिग्री मिल पाएगी।

- डॉ आरपीपी सिंह, वीसी, केयू

Posted By: Inextlive