Jharkhand police will protect ethical hacker now
बैंक द्वारा गुंडा पार्टी के जरिए किया जाता है परेशान
कुछ ऐसे मामले में सामने आए हैैं कि किसी प्राइवेट बैैंक की वेबसाइट पर वल्नरेबिलिटी की कम्प्लेन उसके हेड से करने पर संबंधित बैैंक द्वारा एथिकल हैकर के घर गुंडा पार्टी को भेजकर मारपीट भी की गई है।
इस तरह की प्रॉब्लम के कारण एथिकल हैकर्स अब इस तरह के मामलों में इंट्रेस्ट नहीं ले रहे थे। झारखंड पुलिस को इस संबंध में जानकारी मिली तो स्टेट पुलिस के साइबर डिफेंस रिसर्च सेंटर (सीडीआरसी) द्वारा इसके लिए अलग से ‘रिस्पांसिबल डिस्क्लोजर प्रोग्र्राम’ की ही शुरुआत कर दी गई।
Country में unique है responsible disclosure programme
एथिकल हैकर्स के लिए स्टार्ट की गई ‘रिस्पांसिबल डिस्क्लोजर’ नामक यह सर्विस पूरी कंट्री में पहला है। वल्र्ड की किसी भी कंट्री में इस तरह की कोई फैसिलिटी नहीं अवेलेबल करायी जा रही है। यही कारण है कि स्टेट पुलिस की इस कार्रवाई को वल्र्ड-वाइड एप्रिसिएट किया जा रहा है और स्टेट पुलिस की वेबसाइट पर इसे इंडियन पुलिस की बेहतर छवि व वर्क कल्चर के रूप में देखा जा रहा है।
अब CDRC ले रही vulnerabilities के खिलाफ action
सीडीआरसी के चीफ टेक्निकल ऑफिसर विनित कुमार कहते हैैं कि किसी भी वेबसाइट पर वलनरेबिलिटी की कम्प्लेन मिलने के बाद सबसे पहले संबंधित ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख को इन्फॉर्म किया जाता है। फस्र्ट इंफॉर्मेशन के 21 दिन बाद फस्र्ट रिमाइंडर व 35 दिन बाद सेकेंड रिमाइंडर के साथ ही सेंट्रल गवर्नमेंट को भी इंफॉर्म किया जाता है, ताकि वैसे ऑर्गनाइजेशन के खिलाफ एक्शन लिया जा सके।
एथिकल हैकर कोई भी हो सकता है। ये वैसे लोग होते हैैं जो किसी भी गड़बड़ी को पकडऩे के बाद उसे सुधरवाने का प्रयास करते हैैं और इसके लिए वे संबंधित संस्थान को इस गड़बड़ी की जानकारी देते हैं। कई बार इस तरह की जानकारी देने वाले मुसीबत में फंस जाते हैं। इन लोगों को सिक्योरिटी देने के लिहाज से स्टेट पुलिस ने ‘रिस्पांसिबल डिस्क्लोजर’ सर्विस की शुरुआत की है। इसके जरिए एथिकल हैकर्स सीधे संबंधित ऑर्गनाइजेशन के चीफ को कम्प्लेन न कर स्टेट पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट सीडीआरसी को कम्प्लेन करेंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।For your information
-सीडीआरसी के पास एथिकल हैकर्स की ओर से वलनरेबिलिटिज के लगातार कंप्लेन्स आ रहे हैैं।
-डेली 3 से 4 कम्प्लेन मिल रहे हैं।
-सीडीआरसी को नहीं था यकीन की इतना बेहतर होगा रिस्पांस।
-फॉरेन कंट्रीज से भी आ रहे सैकड़ो कम्प्लेंस।
-वलनरेबिलिटी के लिए द्धह्लह्लश्च http://cdrc.jhpolice.gov.in/responsible-disclosure-submission/ पर कर सकते हैं कम्प्लेन।
-विनित कुमार, चीफ टेक्निकल ऑफिसर, सीडीआरसीReport by: goutam.ojha@inext.co.in