कानपुर (ब्यूरो) किसी भी एटीएम से रुपये का ट्रांजेक्शन करने के दौरान मशीन से रुपये निकलने के बाद शातिर मशीन के शटर को बंद नहीं होने देते थे। जिसकी वजह से ट्रांजेक्शन कंपलीट नहीं हो पाता था। ऐसी स्थित में बैैंक नो ट्रांजेक्शन मानती है। जबकि शातिर रुपये ले लेते थे। इसके बाद शातिर खाते से रुपये गायब होने की बात कहकर बैैंक को डिक्लाइन ट्रांजेक्शन की एप्लीकेशन दे देते थे। बैैंक खाते में रकम की पूर्ति करता था, इससे बैैंक का नुकसान होता था।

इस तरह से हुई गिरफ्तारी
पुलिस को जानकारी मिली कि गल्लामंडी के पास हिटैची बैैंक का एटीएम है। बूथ के पास कुछ संदिग्ध लोग मौजूद हैैं। उनके पास काफी मात्रा में एटीएम कार्ड मौजूद हैैं। पुलिस पहुंची तो वहां मौजूद टी स्टाल के पास तीन युवक दिखाई दिए। पुलिस ने तीनों को को हिरासत में लेकर पूछताछ की और उनकी तलाशी ली। तलाशी में उनकी जेबों से अलग-अलग बैैंकों के 68 एटीएम और 13 हजार रुपये बरामद हुए।

पेंशन के नाम पर खुलवाते खाते
पुलिस पूछताछ में तीनों ने बताया कि वे लोगों को बरगलाते हैैं कि उन्हें, दिव्यांग, सीनियर सिटीजन समेत तमाम पेंशन जिसके वे लाभार्थी हैैं, दिलाई जाएगी। केवल बैैंक खाता खोलकर कागज (चेकबुक, पासबुक, एटीएम)उन्हें दे दिए जाएं। खातों में वे हर महीने 5 हजार रुपये डाल देते हैैं, जिससे लोगों को विश्वास हो जाता है। शातिर लगातार इन्हीं एटीएम कार्ड का इस्तेमाल कर वारदातों को अंजाम देते थे।

सर्विलांस टीम और पुलिस ने बैैंकों को फाइनेंशियल नुकसान पहुंचाने वाले इंटरस्टेट गैैंग के तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है, गैैंग के दूसरे शातिरों की तलाश में पूछताछ की जा रही है,
अंकिता शर्मा, एडीसीपी साउथ