आज सिटी पहुचेंगे निमिता के भाई, फिर होगा पोस्टमार्टम
मंडे को उसका पोस्टमार्टम नहीं किया गया। खबर मिली है कि निमिता के भाई ने कहा था कि जब तक वह सिटी नहीं पहुंच जाएं, उनकी सिस्टर की बॉडी का पोस्टमार्टम नहीं किया जाए। निमिता के पिता कुलपति दास भी सिटी पहुंच गए हैं। पहली नजर में निमिता की मौत को पुलिस ने सुसाइड डिक्लेयर किया है।
निमिता की मौत के बाद उसकी रूममेट स्वाति सदमे में है। मंडे को उसे फ्रेंड की मौत का गम बर्दाश्त नहीं हुआ और वह बेहोश होकर गिर पड़ी। सिर्फ स्वाती ही नहीं बल्कि एक और गर्ल स्टूडेंट के बेहोश होने की बात सामने आई है। दोनों को टीएमएच लाया गया। जहां ट्रीटमेंट के बाद दोनों को कैंपस भेज दिया गया।
लैपटॉप और मोबाइल पुलिस के पास, एनआईटी ने जांच के लिए बनाई कमिटी
निमिता के लैपटॉप और मोबाइल के डिटेल की जांच पुलिस कर रही है। मौत के बाद उसके लैपटॉप और मोबाइल को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया था। उधर एनआईटी एडमिनिस्ट्रेशन ने इंटरनल कमिटी बनाकर निमिता की मौत की जांच शुरू करने की बात मंडे की है।
सुसाइड है या कुछ और, पहले भी उठते रहे हैं सवाल
एनआईटी जमशेदपुर में 2009 से 17 फरवरी 2013 तक 8 स्टूडेंट्स की मौत हो चुकी है। सभी मौत को सुसाइड करार दिया गया है। स्टूडेंट्स के सुसाइड करने पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं।
जनवरी 2012 में खरकई नदी में डूबने तीन स्टूडेंट्स की मौत का मामला हो या फिर 9 मार्च 2011 को फोर्थ इयर के स्टूडेंट विनय पंत के सुसाइड का मामला, हर बार स्टूडेंट्स के पैरेंट्स और गार्जियंस मैनेजमेंट पर मामला दबाने का आरोप लगाते हैं और कहते हैं कि उनके बच्चे ने सुसाइड नहीं किया बल्कि
उन्हें मारा गया है। आइए जानते हैं कि कब किस स्टूडेंट की मौत पर उनके गार्जियंस ने क्या कहा
- प्रो मलय नीरज, स्पोक्सपर्सन, एनआईटी, जमशेदपुर