...तो entertainment का dose होगा महंगा
इससे शो ऑर्गनाइज करने वालों से साथ-साथ शो का लुत्फ उठाने वालों की भी जेब ढीली होगी। एक तरफ जहां कॉपीराइट एक्ट को सख्ती से लागू किए जाने की बात कही जा रही है वहीं म्यूनिसिपल एक्ट में प्रोविजन होने के बावजूद सिटी में इंटरटेनमेंट लाइसेंस देने का प्रॉसेस स्टार्ट नहीं किया गया है.
फिर कैसे सुधरेंगे हालात
अक्सर फंड की कमी को रोना रोने वाली म्यूनिसिपल एजेंसीज अपनी लापरवाही से न सिर्फ खुद सफर कर रही है, बल्कि पब्लिक को भी काफी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है। स्टेट म्यूनिसिपल एक्ट में किसी भी इंटरटेनमेंट, फेयर या एग्जिबिशन के लिए लाइसेंस दिए जाने का प्रावधान है। अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के ज्वाइंट सेक्रेटरी निर्मल भुइयां ने बताया कि नगर निकायों को रेवेन्यू कलेक्शन के लिए इंटरटेनमेंट टैक्स लेने का पावर है। उन्होंने बताया कि कॉमर्शियल परफॉर्मेंस या आर्केस्ट्रा जैसी चीजों पर टैक्स लगाया जाता है। पर सिटी में डिफरेंट म्यूनिसिपल एजेंसीज द्वारा अभी तक ऐसा कोई टैक्स इंपोज नहीं किया गया है। जेएनएसी के टैक्स इंस्पेक्टर अयोध्या सिंह ने बताया कि फिलहाल जेएनएसी द्वारा इस तरह का टैक्स नहीं लिया जा रहा है।
तो पड़ सकती है entertainment महंगी
इंटरटेनमेंट पर लिए जाने वाले टैक्स के रूल के इंप्लीमेंट हो जाने पर आपके प्राइवेट फंक्शन्स में ऑर्गेनाइज किए जाने वाले बैंड परफॉर्मेंस या आर्केस्ट्रा का खर्च भी बढ़ सकता है। जेएनएसी के स्पेशल ऑफिसर आरएन द्विवेदी ने बताया कि इंटरटेनमेंट के कई तरीकों पर टैक्स लेने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि पहले इस तरह के टैक्स लिए भी जाते थे। उन्होंने कहा कि डायरेक्शन मिलने पर फिर से इस व्यवस्था को लागू किया जा सकता है.
डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा हाल ही में हुई मीटिंग में कॉमर्शियल पर्पस से किए जाने वाले पब्लिक परफॉर्मेंस पर कॉपीराइट एक्ट के तहत लगाए जाने वाले टैक्स को सख्ती से इंप्लीमेंट करने का डायरेक्शन दिया गया है। एसडीओ सुबोध कुमार ने बताया कि कॉपीराइट एक्ट के अतंर्गत आनेवाले किसी भी आॉडियो-वीडियो परफॉर्मेंस के लिए लाइसेंस लेना जरूरी है। उन्होंने इस रूल का वॉयलेशन करने वालों पर पेनल एक्शन लिए जाने की बात भी कही।
'म्यूनिसिपल ऑथरिटीज को इंटरटेनमेंट टैक्स लेने का अधिकार है। एक्ट में इसका प्रोविजन है। म्यूनिसिपल ऑथरिटी रेवेन्यू कलेक्शन को बढ़ाने के लिए टैक्स इंपोज कर सकती है.'
-निर्मल भुइयां, ज्वाइंट सेक्रेटरी, अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट
'फिलहाल हमलोग किसी तरह का इंटरटेनमेंट टैक्स नहीं लेते हैं, लेकिन डायरेक्शन मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। म्यूनिसिपल एक्ट में टैक्स का प्रोविजन किया गया है.'
-आरएन द्विवेदी, स्पेशल ऑफिसर, जेएनएसी
'कॉमर्शियल पर्पस से किसी पब्लिक पफॉर्मेंस को ऑर्गेनाइज करने पर कॉपीराइट एक्ट के तहत लाइसेंस लेना जरूरी है। सिटी में इस रूल को सख्ती से इंप्लीमेंट किया जाएगा। रूल को वॉयलेट करने वालों पर एक्शन लिया जाएगा.'
सुबोध कुमार, एसडीओ, धालभूमगढ़Report by: abhijit.pandey@inext.co.in