छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : बेटे-बेटियों में फर्क न करें। महिलाओं की इज्जत सिर्फ घर पर ही नहीं, घर के बाहर भी होनी चाहिए। बेटा कुछ भी करे तो चलेगा और बेटी की गलती नहीं भी हो तो भी पाबंदी। यह बिल्कुल ठीक नहीं। इव-टीजिंग के मामले में ग‌र्ल्स चुप न रहें, पुलिस और पैरेंट्स को जरुर बताएं। 'इज्जत करो' जी हां, इसी अभियान के तहत शुक्रवार को आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित पैनल डिस्कशन में यही आवाज निकली। डिस्कशन में एडवोकेट, कॉलेज स्टूडेंट्स, सोशल वर्कर, झारखंड ह्यूमेन राइट्स कांफ्रेंस के मेंबर्स व टीचर्स ने अपने व्यू शेयर किए और खुलकर इस अभियान की तारीफ की।

पैरेंट्स, टीचर्स की बड़ी जिम्मेवारी

लड़कियों और महिलाओं के प्रति गलत सोच रखने वाले लड़कों में संस्कारों की कमी होती है। बच्चों को सही रास्ते पर लाने के लिए पैरेंट्स और टीचर्स की बड़ी जिम्मेवारी है। पैनल डिस्कशन में शामिल लोगों ने कहा कि घर पर पैरेंट्स बेटे और बेटियों में फर्क करेंगे तो उसका असर बच्चों पर दिखता है। इस तरह के फर्क को मिटाने के लिए बच्चों को टाइम देना और स्कूल में टीचर्स भी बच्चों के साथ फ्रेंडली रहें, यह जरुरी है।

बच्चों को बनाना होगा संस्कारी

महिलाओं की इज्जत नहीं करने वाले लड़कों को उनके पैरेंट्स सही संस्कार नहीं दे पाते। जितनी पाबंदी बेटियों पर लगाकर रखते हैं, उसका कुछ परसेंट भी बेटों पर लगाकर रखें तो वे गलत रास्ते पर नहीं जाएंगे। बेटे और बेटियों में अंतर कभी नहीं रखना चाहिए। मैं बेटियों से कहना चाहती हूं कि वे दुर्गा बनें सुर्पनखा नहीं।

- डॉ अनामिका

टीचर और जेएचआरसी की सेंट्रल प्रेसिडेंट ऑफ वीमेन सेल

पैरेंट्स का रोल सबसे अहम

आजकल तो यही लगता है कि पैरेंट्स अपने बच्चों को मशीन की तरह तैयार करते हैं। वे थोड़े बड़े हो जाएं तो बस उनसे रिटर्न चाहिए। वे जल्दी से जॉब कर लें जिम्मेवारी संभाल लें। ऐसा नहीं करना चाहिए। बच्चों की शिक्षा तबतक अधूरी है जबतक उनमें व्यवहारिकता और संस्कार न दिए जाएं। इसमें पैरेंट्स का रोल बहुत अहम होता है। उन्हें अपने बच्चों के सामने आर्दश बनकर आना चाहिए।

- डॉ शबनम परवीन, टीचर

खुद को स्ट्रांग बनाएं लड़कियां

लड़कियों को चाहिए कि वे अपने मन से इंसिक्योरिटी की फीलिंग निकाल दें। खुद को स्ट्रांग बनाना जरुरी है। यह भी सच है कि हर लड़का खराब नहीं होता। अगर कभी किसी तरह की प्रॉब्लम आ जाए तो हेल्प करने वाले भी बहुत होते हैं। बस उन्हें बताने की जरुरत है। ग‌र्ल्स को चाहिए कि अपनी मां से हर बात शेयर करें। जब बातें सामने आएंगी तो उसका सॉल्यूशन भी निकलेगा।

गीता चौधरी, टीचर एंड सोशल वर्कर

प्रशासन को सख्ती दिखानी होगी

मैं सबसे कहना चाहूंगी 'माई सेफ्टी इज माई कंसर्न'। लड़कियों को खुद यह सोचना होगा कि वे खुद को कैसे सेफ रख सकती हैं। कई बार छेड़खानी या रेप जैसी घटना में पकड़े गए लड़के बड़े बाप का बेटा होने की धमकी देता है। ऐसे में प्रशासन को सख्ती से काम लेना चाहिए। पुलिस एक्टिव होगी तो मनचलों के मन में डर जरुर रहेगा।

- रिया बनर्जी, सेक्रेटरी, जेएचआरसी

बच्चों से अच्छे से बिहेव करें पैरेंट्स

पैरेंट्स के संस्कार बच्चों में दिखते हैं। बच्चे वही सीखते हैं, जो घर अथवा समाज में देखते हैं। इसलिए जरुरी है कि पैरेंट्स बच्चों के सामने अच्छे तरीके से बिहेव करें। पैरेंट्स अगर बच्चों के साथ फ्रेंड की तरह रहेंगे तो बच्चे उनसे निश्चित ही सारी बातें शेयर करेंगे।

- अरिजीत सरकार

ज्वॉइंट सेक्रेट्री, रेड क्रॉस सोसायटी

गलत हो तो चुप्पी न साधें

खुद की रिस्पेक्ट करेंगे तभी कोई हमारी रिस्पेक्ट करेगा। हमें खुद को स्ट्रांग बनाना होगा। अगर कहीं कुछ गलत होता है तो चुप नहीं रहें। मैं कहीं भी जाती हूं तो घर पर बताती हूं। बस यही कहना है कि छिपाना नहीं चाहिए।

- गुंजन, एडवोकेट

मानसिकता बदलनी होगी

मेरे तो बेटे हैं लेकिन मैं उनपर भी उतनी ही नजर रखती हूं जितना एक बेटी पर। लोगों को मानसिकता बदलनी होगी। महिलाओं की इज्जत जहां नहीं होती, वह समाज कभी आगे नहीं बढ़ता। घर का माहौल अच्छा रहेगा तो बच्चे बाहर भी गलत नहीं करेंगे।

- कल्पना राय, एडवोकेट

छात्राओं ने कहा (इसे अलग बॉक्स में लेंगे)

कई बार मनचले लड़कों से सामना हुआ है। वे परेशान करने की कोशिश करते हैं पर हम उन्हें पूरी तरह से अवॉइड करते हैं। वैसे लड़कों से मुंह लगाना ठीक नहीं।

- रिंकी, स्टूडेंट

कहते हैं कि लड़के रोना नहीं जानते, पर मेरा मानना है कि उन्हें यह सिखाना चाहिए कि किसी को रुलाना नहीं चाहिए। लड़कों के खिलाफ पुलिस में कंप्लेन करने से लड़कियों को डर लगता है।

- राधिका

मैं सारी बातें पैरेंट्स से शेयर करती हूं। पुलिस को कंप्लेन करने से लड़कियां डरती हैं। डर इस बात का भी रहता है कि पुलिस पूछताछ के लिए घर तक पहुंच सकती है।

रानी

पैरेंट्स को अपने बच्चों के साथ एक फ्रेंड बनकर रहना चाहिए। ऐसा माहौल रहेगा तो लड़कियां अपनी बात पैरेंट्स खासकर मां से खुलकर शेयर कर पाएंगी।

- किरण

मनचले लड़कों के मन में पुलिस का डर तो होना चाहिए। गलत करने वाले पकड़े जाएंगे और उन्हें पनिश किया जाएगा तो दूसरे डरेंगे।

- अर्चना

वर्जन

महिलाएं खुद को सुरक्षित समझें। अगर कहीं कोई गलत करता है तो उसकी शिकायत पुलिस से जरुर करें। पुलिस हर जगह नहीं रह सकती पर कहीं से शिकायत मिले तो वहां जरुर पहुंच जाएगी। 100 डायल कर जरुर बताएं।

- चंदन झा, सिटी एसपी जमशेदपुर

Posted By: Inextlive