KU के evaluation system पर उठ रहे सवाल
74 में सिर्फ 11 ही पास, यूनिवर्सिटी टॉपर को 50 माक्र्स
हमने पीजी के रिजल्ट और उसमें इवेल्यूएशन पर उठ रहे सवालों के बीच ग्रेजुएट कॉलेज के पीजी पार्ट टू का क्रॉस लिस्ट खंगाला। पता चला कि पॉलिटिकल साइंस के 13वें पेपर (इंटरनेशनल लॉ) में कुल 74 स्टूडेंट्स में से सिर्फ 11 को ही पास माक्र्स मिले हैं। यहां तक कि इस सजेक्ट की यूनिवर्सिटी टॉपर और इसी कॉलेज की स्टूडेंट नमिता झा को भी इस पेपर में 50 माक्र्स ही मिले। सभी स्टूडेंट्स को 29 से 58 के बीच माक्र्स मिले। अगर एग्रीगेट माक्र्स की जगह सजेक्ट वाइज पास करना होता तो 74 में 63 फेल हो जातीं। इसी कॉलेज के पीजी पार्ट टू के साइकोलॉजी सजेक्ट मे रोल नंबर 12MA051700868 को फस्र्ट पेपर में सिर्फ 4 माक्र्स ही मिले, जबकि बाकी सभी पेपर्स में उसे 45 और उससे ज्यादा माक्र्स हासिल हुए।
'किसी स्टूडेंट को एक पेपर में 4 या 5 माक्र्स मिलते हैं और बाकी में 40-50 माक्र्स। दूसरी तरफ किसी एक पेपर में 85-90 परसेंट स्टूडेंट्स फेल कर जाती हैं, वह भी एवरेज मार्किंग करने पर.'
-वीणा प्रियदर्शी, एचओडी, पॉलिटिकल साइंस, ग्रेजुएट कॉलेज
'जिस पेपर में 70 परसेंट माक्र्स की उम्मीद थी उसमें 22 माक्र्स मिले। आरटीआई द्वारा आंसर शीट दिखाने की मांग की तो डेढ़ महीने बाद भी जवाब नहीं मिला.'
-बलवान सिंह, स्टूडेंट यूजी पार्ट टू
'टेबुलेशन में 40 की जगह 04 माक्र्स दे दिए गए हों। पीजी की कॉपियों हेड ऑफिस में ही है आरटीआई द्वारा स्टूडेंट्स उसे देख सकते हैं। ज्यादा कंप्लेन आने पर एग्जामिनेशन बोर्ड में भी बात रखी जाएगी.'
-डॉ गंगा प्रसाद, एग्जामिनेशन कंट्रोलर केयू