Two wheeler accident claims more lives
Truck है accidents की वजह
वेडनसडे की दोपहर डिमना रोड में विजय पंडित नाम के व्यक्ति की रोड क्रॉस करने के दौरान ट्रक से धक्का लगने की वजह से मौत हो गई। ट्रक की चपेट में आने से होने वाली मौत की घटना सिटी के लिए कोई नई बात नहीं है। 2010 से लेकर 2012 के दौरान ट्रक से धक्का लगने की वजह से सिटी में 111 लोगों की मौत हुई। 2010 में ट्रक सिटी में होने वाले एक्सीडेंटल डेथ्स का सबसे बड़ा कारण था। वहीं 2011 और 2012 में भी टू व्हीलर्स के बाद सबसे ज्यादा एक्सीडेंटल डेथ्स ट्रक की वजह से हुए।
संभल कर चलाएं two wheeler
सिटी की सडक़ों पर आए दिन रैश ड्राइविंग करते यंगस्टर दिख जाते हैं। इनमें से कई ऐसे होते हैं, जिनकी उम्र भी ड्राइविंग के लायक नहीं होती। आए दिन हेलमेट के लिए चलाए जाने वाले ड्राइव के बावजूद सिटी में ज्यादातर लोग बगैर हेलमेट के ही टू-व्हीलर्स ड्राइव करते हैं। ये सारी लापरवाही जान पर भारी पड़ रही है। टू व्हीलर की सवारी करने वाले लोगों के लिए सिटी की सडक़ें बेहद खतरनाक साबित हो रहे हैं। 2010 से 2012 के दौरान सिटी में हुए एक्सीडेंटल डेथ्स में सबसे बड़ा शेयर टू व्हीलर्स का है। इन तीन सालों के दौरान टू-व्हीलर्स की वजह से 125 मौतें हुईं। पिछले साल भी टू व्हीलर्स की वजह 35 लोगों की जानें गयीं थीं।
सिटी में ट्रैफिक की व्यवस्था ऐसी है की पैदल और साइकिल से चलने वाले लोग भी सेफ नहीं रह गए हैं। पिछले साल सिटी में आठ साइकिल सवारों की मौत रोड एक्सीडेंट में हुई थी। वेडनसडे को भी मानगो स्थित आस्था सिटी के पास राजेश कुमार नाम के एक 45 वर्षीय व्यक्ति की एक्सीडेंट में मौत हो गई। स्वर्णरेखा प्रोजेक्ट के इरिगेशन डिपार्टमेंट में काम करने वाले राजेश अपनी साइकल से कहीं जा रहे थे। इसी दौरान एक कार से धक्का लगने की वजह से उनकी मौत हो गई। 2010 से 2012 के दौरान सिटी में 32 साइकल सवारों की मौत एक्सीडेंट में हुई है। सिटी में पेडेस्ट्रियन पाथ की कमी और ट्रैफिक रूल्स के प्रति लोगों की लापरवाही का खामियाजा पेडेस्ट्रियन्स को भी भुगतना पड़ रहा है। 2010 से 2012 के दौरान सिटी में 41 पेडेस्ट्रियन्स की मौत रोड एक्सीडेंट्स में हुई है।
Road accident में दो की मौत
वेडनेसडे को सिटी में अलग-अलग रोड एक्सीडेंट में दो लोगो की मौत हो गई। उलीडीह थाने के सामने मेन रोड पर नेनो कार के धक्के से राजेश कुमार नाम के साइकल सवार की मौत हो गई। राजेश कुमार स्वर्णरेखा प्रोजेक्ट में फोर्थ ग्र्रेड इंप्लाई थे। घटना के वक्त राजेश थाने के पास स्थित प्रोजेक्ट ऑफिस से किसी ऑफिशियल काम से कहीं जा रहे थे। पुलिस ने कार को जब्त कर लिया है। दूसरी घटना डिमना रोड की है। दिन में करीब ढाई बजे सडक़ क्रॉस कर रहे एक व्यक्ति को ट्रक ने कुचल दिया। एक्सीडेंट के बाद ड्राइवर ट्रक को छोडक़र भाग गया।
रोड एक्सीडेंट्स के मामले में जमशेदपुर रांची और धनबाद से काफी आगे है। 2010 से 2012 तक धनबाद में जहां 419 रोड एक्सीडेंट हुए वहीं जमशेदपुर में इस दौरान 993 रोड एक्सीडेंट हुए। वहीं 2011 से 2012 के दौरान रांची में 491 और धनबाद में 282 रोड एक्सीडेंट्स हुए। इस दौरान जमशेदपुर में 506 रोड एक्सीडेंट हुए।Report by: abhijit.pandey@inext.co.in