Tata zoo में बना wildlife health care centre
Wild animals के rescue व rescuerehabilitation में मिलेगी मदद
Tata zoo में बना wildlife health care centre
Mini operation theatre और tranquilising gun भी है मौजूद
टाटा जू अब जल्द ही एक नए रोल में नजर आएगा, कैप्टिव एनिमल्स की देखभाल के साथ-साथ टाटा जू अब ह्यïूमन कॉन्फिलक्ट का शिकार दूसरे वाइल्ड एनिमल्स के रेस्क्यू और रीहैबिलिटेशन का काम भी करेगा। इस मकसद को पूरा करने के लिए जू में मौजूद वेटनरी हेल्थ यूनिट को 7.55 लाख रुपए की लागत से अपग्र्रेड किया गया है। इस सेंटर में इन्डेंजर्ड स्पीशीज की ब्रीडिंग, डिजीज इंवेस्टिगेशन और ट्रीटमेंट जैसे काम भी किए जाएंगे।
Wild animals को सहारा
लगातार बढ़ रहे ह्यïूमन एनिमल कॉन्फिलक्ट ने वाइल्डलाइफ को काफी मुश्किल में डाल दिया है। लोगों में वाइल्ड एनिमल्स के प्रति जीरो टॉलरेंस की वजह से ह्यïूमन हैबिटेशन में गलती से चले जाने वाले एनिमल्स को अक्सर शिकार बनना पड़ता है। टाटा जू द्वारा दलमा वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी और आसपास के फॉरेस्ट एरिया से भटक जाने वाले एनिमल्स के रेस्क्यू और रीहैबिलिटेशन का काम पिछले कई सालों से किया जा रहा है, पर सुविधाओं की कमी की वजह से इस काम में कई तरह की दिक्कतें आती थीं। अब टाटा जू के पास अपने इस मकसद को पूरा करने के लिए कई सुविधाएं मौजूद होंगी। जू में मौजूद वेटनरी हेल्थ यूनिट को अपग्र्रेड कर यहां कई वाइल्ड एनिमल्स के रेस्क्यू और रीहैबिलिटेशन से जुड़ी कई सुविधाएं बढ़ाई गई हैं।
टाटा जू में बना ये यूनिट झारखंड के साथ-साथ बिहार, छत्तीसगढ़, ओडि़शा और वेस्ट बंगाल में अपनी तरह का इकलौता यूनिट है। इस वाइल्डलाइफ हेल्थ केयर सेंटर में मिनी ऑपरेशन थियेटर भी बनाया गया है। जू के डिप्टी डायरेक्टर एम पालित ने बताया कि ऑपरेशन थियेटर बन जाने से सर्जिकल केसेज को हैैंडल करने में काफी सुविधा होगी। उन्होंने बताया कि पहले ऑपरेशन भी डिस्पेंसरी में ही करने पड़ते थे, जिससे कई तरह की असुविधाएं होती थीं, लेकिन ऑपरेशन थियेटर बन जाने से अब ऐसे एनिमल्स का ट्रीटमेंट ज्यादा बेहतर तरीके से हो पाएगा। इसके अलावा उन्होंने बताया की सेंटर में एक मीडियम रेंज ट्रांक्विलाइजिंग गन भी मंगाया गया है। इस गन से एनिमल्स को बेहोश कर उनका ट्रीटमेंट करने में आसानी होगी। इस सेंटर के अपग्र्रेडेशन में टाटा जू को स्टेट बैैंक ऑफ इंडिया द्वारा 7.55 लाख रुपए की सहायता दी गई है।
कई फायदे हैं इस सेंटर के
इस सेंटर के जरिए वाइल्ड एनिमल्स के रेस्क्यू और रीहैबिलिटेशन का काम तो होगा ही साथ ही इन्डेंजर्ड एनिमल्स की ब्रीडिंग, कैप्टिविटी के साथ-साथ जंगल में मौजूद वाइल्ड एनिमल्स में डिजीज इंवेस्टीगेशन और ट्रीटमेंट जैसे काम भी होंगे। इसके अलावा इस सेंटर के जरिए कैप्टिव वाइल्ड एनिमल्स को बैलेंस्ड डायट और न्यूट्रिशन प्रोवाइड करने, डाटा मैनेजमेंट और दूसरे इंस्टीट्यूशन के साथ इसे शेयर करने, इलाके में मौजूद वेटनेरियन्स की कैपेसिटी बिल्डिंग का काम भी किया जाएगा। सेंटर का इनॉगरेशन छह दिसंबर को किया जाएगा।
विपुल चक्रवर्ती, डायरेक्टर, टाटा जू
दलमा और आसपास के इलाकों से वाइल्ड एनिमल्स के रेस्क्यू और रीहैबिलिटेशन का काम किया जाता है। मिनी ऑपरेशन थियेटर बन जाने से सर्जिकल केसेज को हैंडल करने में काफी सुविधा होगी।
डॉ एम पालित, डिप्टी डायरेक्टर, टाटा जू
वाइल्डलाइफ की सुरक्षा का काम टाटा जू द्वारा सालों से किया जा रहा है। हेल्थ केयर सेंटर से इस काम को और बेहतर तरीके से करने में मदद मिलेगी।
रजनीश कुमार,
मेंबर, टाटा स्टील जूलॉजिकल सोसाइटीReport by : abhijit.pandey.inext.co.in