jamshedpur : सिटी स्थित सेक्रेड हार्ट कान्वेंट से स्कूलिंग पटना वीमेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन और जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी से एमए एमफिल और पीएचडी करने के बाद सिटी की डॉ शुभ्रा द्विवेदी के लिए अच्छे जॉब ऑफर्स की कमी न थी. पर इन्हें अपने लिए जीना कहां था.

अपने लिए जीए तो क्या जीए
 सिटी स्थित सेक्रेड हार्ट कान्वेंट से स्कूलिंग, पटना वीमेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन और जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी से एमए, एमफिल और पीएचडी करने के बाद सिटी की डॉ शुभ्रा द्विवेदी के लिए अच्छे जॉब ऑफर्स की कमी न थी। पर इन्हें अपने लिए जीना कहां था। एक सोच थी, जज्बा था, हिम्मत थी दूसरों के लिए कुछ करते हुए अपनी जिंदगी को भूल जाने का। इस वीमेंस डे हम डॉ शुभ्रा द्विवेदी के बारे में आपको बता रहे हैं। इन्होंने सोसायटी को क्या दिया है यह जानने के लिए आपको कोल्हान रीजन के तीन डिस्ट्रिक्ट्स, ईस्ट सिंहभूम, वेस्ट सिंहभूम और सरायकेला खरसांवा के रुरल एरियाज के लगभग 8 हजार फैमिलीज के मेंबर्स से मिलना होगा जिनकी लाइफ में बड़ा और पॉजिटीव बदलाव सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशन डेवलपमेंट सोसायटी यानी सीड्स की कोशिशों से आई जिसकी शुरुआत डॉ शुभ्रा ने 1996 में की थी।

सोशल सर्विस को बनाया जीवन साथी
डॉ शुभ्रा के पापा एके द्विवेदी टिस्को में काम करते थे। मां शांता द्विवेदी हाउस वाइफ हैं। शुभ्रा ने जब शादी न करने का डिसीजन लिया तो पेरेंट्स ने उन्हें मनाने की कोशिश की पर शादी के लिए उनपर कभी प्रेशर नहीं डाला। डेली लगभग 15 घंटे आस-पास के विलेजेज में विजिट कर वहां की महिलाओं को उनके राइट्स के प्रति अवेयर करना और टीनएजर्स को एजुकेशन प्रोवाइड कराना ही डॉ शुभ्रा का काम था। गरीब विलेजर्स के साथ रुखी सुखी रोटी खाना और वहीं का पानी पीना, बस ऐसे ही पूरा दिन गुजर जाता था डॉ शुभ्रा का। डॉ शुभ्रा इस बात से खुश हैं कि उनकी मां को उनके ऊपर गर्व है।

SHG बना कर की वीकर सेक्शन की मदद
डॉ शुभ्रा की संस्था द्वारा कोल्हान रीजन के 600 से ज्यादा विलेजेज और टोलों में सेल्फ हेल्प ग्रुप, किसान ग्रुप, महिला मंच, आदिम जनजाति मंच और ग्राम शक्ति युवा मंच बनाए गए। आज के डेट में महिला मंच से लगभग 3 हजार महिलाएं जुड़ी हैं। ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स (टीनएजर्स) को एजुकेशन प्रोवाइड कराना, गवर्नमेंट की स्कीम के बारे में विलेजर्स को जानकारी देना, विलेजेज में कोई गवर्नमेंट ऑफिसर किसी स्कीम में घपला कर रहा हो तो आरटीआई के तहत सही जानकारी मांगना आदि। ये कुछ ऐसे काम डॉ शुभ्रा के प्रयास से विलेजेज में हुए जिससे विलेजर्स को उनका सही अधिकार पता चला और उनकी केपेबिलिटी सामने आई। अब वे खुद अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने में आगे बढ़ रहे हैं। एक्सएलआरआई के हेल्प से ईस्ट सिंहभूम और चांडिल ब्लॉक के एक विलेज को आदर्श विलेज के रुप में डेवलप करने की तैयारी में हैं डॉ शुभ्रा।

 

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Posted By: Inextlive