Jamshedpur : मोबाइल में कॉल करने लायक बैलेंस रहे या ना रहे टेंशन की कोई बात नहीं. अब तो भरमार है स्पेशल पैक्स की. अब लोगों ने बढ़ते कॉल रेट और स्पेशल पैक्स की झंझट से बचने का तरीका ढूंढ लिया है. वे दोस्तों से लंबी बात और मैसेंजिंग के लिए स्पेशल पैक्स की बजाय इंटरनेट पैक का इस्तेमाल कर रहे हैैं. सिटी के यूथ में फ्री इंटरनेट कॉलिंगचैटिंग और मैसेजिंग एप्स का यूज तेजी से बढ़ रहा है.


Message  नहीं WhatsApp करेंएसएमएस अब पुरानी बात हो चुकी है, यूथ अब फ्रेंड्स के साथ चैटिंग के लिए इंटरनेट एप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक्सएलआरआई के मैनेजमेंट स्टूडेंट लक्ष्मीनरसिंहन ने बताया कि फ्रेंड्स को मैसेज करने पर अब वो वाट्सएप्प करने की सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि ग्र्रुप के ज्यादातर स्टूडेंट्स मैसेंजिंग के लिए इंटरनेट एप्स का इस्तेमाल करते हैं। यही ट्रेंड हर जगह देखने को मिल रहा है। करीम सिटी कॉलेज (केसीसी) में पढऩे वाली रीमा ने बताया कि मोबाइल इंटरनेट या वाईफाई से चलने वाले इन एप्स से ग्र्रुप मैसेंजिंग, ऑडियो मैसेज जैसी कई सुविधाएं मिलती हैं, जिससे इन्हें इस्तेमाल करना काफी इंटरेस्टिंग हो जाता है। प्रिया का भी कुछ ऐसा ही कहना है.                   बढ़ रहा है internet recharge
तरह-तरह के इंटरनेट कम्यूनिकेशन एप्स की बढ़ती पॉप्यूलरिटी की वजह से मोबाइल इंटरनेट की डिमांड भी बढ़ी है। साकची स्थित मोबाइल रिचार्ज स्टोर के ओनर ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में इंटरनेट रिचार्ज में तेजी से इजाफा हुआ है। एक्सएलआरआई में पढऩे वाले सुजॉय सिन्हा ने कहा ये एप्स एसएमएस और मोबाइल कॉलिंग को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। उन्होंने कहा की लोगो की बीच इनकी पॉप्यूलरिटी जिस तरह से बढ़ रही है। मिल रहे हैं कई फायदे


फेसबुक और मेल से दूर रहना आज के यूथ के लिए बेहद मुश्किल है, और उतना ही इंपोर्टेंट है फ्रेंड्स से चैटिंग करना। पर इनके लिए अब आपको अलग-अलग पैक लेने की जरूरत नहीं। सिर्फ इंटरनेट पैक से ये सारे काम हो सकते हैं। यूथ के बीच इंटरनेट कम्यूनिकेशन एप्स की बढ़ती डिमांड की ये एक बड़ी वजह है। पार्ट वन की स्टूडेंट प्रिया ने बताया की पहले मैसेज पैक, फ्री कॉलिंग पैक के साथ-साथ सोशल साइट्स का इस्तेमाल करने के लिए अलग से इंटरनेट पैक लेना पड़ता था, पर अब सिर्फ मोबाइल इंटरनेट से ही सारे काम हो जाते हैं।सस्ते  smartphone भी है वजहइंटरनेट कम्यूनिकेशन एप्स की बढ़ते डिमांड की एक बड़ी वजह स्मार्टफोन्स का दिन ब दिन सस्ता होना है। मार्केट में इन दिनों नन-ब्रांडेड स्मार्टफोन 1500 रुपए के रेंज में भी अवेलेवल है। कई ब्रांडेड स्मार्टफोन्स की शुरुआत 4-5 हजार से होती है। एक्सएलआरआई के स्टूडेंट श्रवण ने बताया की स्मार्टफोन सबकी पहुंच में आने से इंटरनेट एप्स की डिमांड बढ़ी है। कई apps है available

एंड्रायड और सिम्बियन दोनों तरह के फोन्स के लिए कई फ्री इंटरनेट कॉलिंग और मैसेंजिंग एप्स अवेलेवल है। यूथ के बीच वी चैट, वाट्सएप्प, लाइन, स्काइप, वाइबर जैसे एप्प काफी पॉप्यूलर हो रहे है। इन एप्स के जरिए फ्री कॉल, फ्री मैसेज, वीडियो कॉल, ऑडियो मैसेज, ऑडियो-वीडियो सेंडिंग, वॉयस मैसेजेज जैसी कई फैसिलिटीज मिल रही है।कॉलिंग और मैसेजिंग के लिए इंटरनेट एप्स का यूज काफी बढ़ रहा है। फ्रेंड अब सिर्फ इंटरनेट एप्स से ही चैटिंग के लिए कहते है।-लक्ष्मीनरसिंहन, स्टूडेंटङ्गरुक्रढ्ढ  इंटरनेट एप्स तेजी से पॉप्यूलर हो रहें है। स्मार्टफोन सस्ते होने से भी इनका इस्तेमाल बढ़ा है।-सुजॉय, स्टूडेंट, एक्सएलआरआई

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Posted By: Inextlive