RANCHI : झारखंड में राज्य सेवा के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना अब आसान नहीं होगा। इसके लिए पुलिस को पहले संबंधित विभाग से अनुमति लेनी होगी। यह फैसला गुरुवार को झारखंड की रघुवर सरकार ने लिया है। प्रोजेक्ट भवन में हुई कैबिनेट मीटिंग में कुल 16 प्रस्ताव पास किए गए। कैबिनेट ने प्रशासनिक प्रक्रिया के पुनर्गठन के संबंध में भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इसके तहत दो अलग-अलग विभागों उद्योग तथा खान एवं भूतत्व विभाग को एक कर नया विभाग उद्योग, खान एवं भूतत्व विभाग बना दिया गया है। प्रशासनिक प्रक्रिया में सुधार के तहत उप विकास आयुक्त के पद पर योग्य अभ्यर्थी के पदस्थापन की नई प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी ग्रामीण विकास विभाग को दी गई है।

सरकारी कर्मी जीपीएफ में कटा सकेंगे पूरा वेतन

रांची : राज्य सरकार के कर्मी अब अपना पूरा का पूरा वेतन जीपीएफ में अपने अंशदान के रूप में कटा सकते हैं। पहले अंशदान की यह दर मासिक परिलब्धि (मूल वेतन तथा ग्रेड पे का न्यूनतम छह प्रतिशत का जोड़) पर न्यूनतम 6 प्रतिशत तथा अधिकतम 50 फीसद निर्धारित थी। अब इस अधिकतम सीमा को बढ़ाकर सौ फीसद कर दिया गया है। इसके तहत यदि कोई कर्मचारी चाहे तो किसी माह का अपना पूरा वेतन जीपीएफ में अंशदान के रूप में कटा सकता है।

पारसनाथ तथा रजरप्पा पर्यटन विकास प्राधिकार का गठन

पर्यटन स्थल पारसनाथ (मधुबन) तथा तथा रजरप्पा के विकास के लिए अलग-अलग पर्यटन विकास प्राधिकार का गठन होगा। विभाग के प्रधान सचिव या सचिव इस प्राधिकार के अध्यक्ष होंगे, जबकि संबंधित उपायुक्त इसके उपाध्यक्ष तथा संबंधित उपविकास आयुक्त इसके कार्यकारी निदेशक होंगे। इसके अलावा छह निदेशक भी इसमें शामिल होंगे, जो गैर सरकारी पद होंगे। दो वर्ष के लिए निदेशकों की खुली नियुक्ति साक्षात्कार के माध्यम से होगी, जिसके लिए पर्यटन के क्षेत्र में दस वर्ष का अनुभव अनिवार्य होगा।

लिए गए ये भी फैसले

- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास का लाभ लेने के लिए कट आफ डेट 17 जून 2015 निर्धारित

- गढ़वा नगर पंचायत को जनसंख्या के आधार पर नगर परिषद वर्ग ख के रूप में अधिसूचित किए जाने की भी स्वीकृति प्रदान की।

-राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों के चयन में 70 फीसद बीपीएल होने की बाध्यता खत्म कर दी गई है।

-राज्य में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय निवेश को बढ़ावा देने के लिए निवेश सचिव के पद के सृजन की भी स्वीकृति मिली

-जिन प्रखंडों में अंचलाधिकारी तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी दोनों ही पद हैं, वहां ऐसी प्रशासनिक व्यवस्था की जाएगी ताकि एक ही पदाधिकारी दोनों पदों का कामकाज देख सकें।

--झारखंड एकेडमिक कौंसिल नियुक्ति नियमावली, 2016 के गठन की स्वीकृति

Posted By: Inextlive