- झारखंड के साथ-साथ बिहार को राजनीतिक संदेश देने की कोशिश

- लंबे राजनीतिक अनुभव का मिलेगा लाभ

- राजद छोड़ने के बाद तेजी से भाजपा आलाकमान का हासिल किया विश्वास

रांची : कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी को केंद्र में मंत्री पद देकर एक तीर से कई निशाना साधने की कोशिश की गई है। कभी राजद प्रमुख लालू प्रसाद के विश्वस्तों में रही अन्नपूर्णा देवी की राजनीतिक पकड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पार्टी बदलने के बाद भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक क्षेत्रीय दल से भाजपा सरीखे राष्ट्रीय दल में आकर उन्होंने तेजी से मुकाम हासिल किए। पहले संगठन ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का दायित्व दिया और हरियाणा प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी की जिम्मेदारी भी सौंपी। केंद्रीय मंत्री बनने के बाद झारखंड में उनकी गतिविधियां बढ़ेगी, साथ ही चुनौतियां भी होंगी। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि उन्हें मंत्री बनाने का संदेश पड़ोसी राज्य बिहार तक जाएगा, जहां यादवों का झुकाव भाजपा के मुकाबले राजद की तरफ ज्यादा है। लोकसभा चुनाव से पूर्व चार बार विधानसभा का चुनाव जीत चुकीं अन्नपूर्णा देवी पहले अविभाजित बिहार में और बाद में झारखंड में मंत्री भी रह चुकी हैं। झारखंड को लेकर केंद्रीय नेतृत्व की अपेक्षा उनसे ज्यादा होगी।

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आजसू को निराशा

केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में एनडीए के घटक दल आजसू पार्टी को निराशा हाथ लगी है। संभावना जताई जा रही थी कि गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी को राज्यमंत्री का पद दिया जा सकता है। नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो की मुलाकात से इसे और बल मिला। आजसू पार्टी ने इसकी अपेक्षा भी जताई थी। हाल ही में झारखंड में हुए विधानसभा उपचुनावों में आजसू पार्टी ने भाजपा को समर्थन दिया था। आजसू को उम्मीद थी कि इसके एवज में केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान प्रतिनिधित्व मिल सकता है।

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Posted By: Inextlive