गोल्ड मेडलिस्ट्स ने कही सफलता की कहानी
RANCHI : बीआईटी के कन्वोकेशन में क्फ् टॉपरों को गोल्ड मेडल दिया जाना था। जिसमें केवल दस स्टूडेंट्स ही शामिल हो सके। मेडल पाकर टॉपरों के चेहरे पर खुशी झलक रही थी। स्टूडेंट्स ने कहा कि ये यह हमारे कई सालों की मेहनत का नतीजा है और मेडल पाने के बाद जिम्मेवारी बढ़ गई है।
टॉपराें ने कहा मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है। मुझे डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम से प्रेरणा मिली। मेरे माता-पिता के लिए आज गर्व का दिन है और मेरे लिए आज का दिन सबसे खास है। रूही रंजन, बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर मैं अपने माता-पिता को प्रेरणास्रोत मानता हूं। जितने दिन बीआईटी में रहा अपने पूरे कॉलेज लाइफ को हैपिली इंजॉय किया। आज का ये दिन बहुत खास रहा। तनय ठाकुर, बैचलर इन बॉयोटेक्नोलॉजीमैं किसी काम को असंभव नहीं मानता हूं। मेरे माता-पिता मेरी प्रेरणा है। मेरे घरवालों का मुझे हमेशा सपोर्ट मिला। अपने टीचरों के कारण ही मैं इस मुकाम पर हूं।
प्रतीक कुमार, बीई सिविल किसी काम को करने से पहले रिजल्ट पॉजिटिव आएगा ये सोचे। आपको हर काम में सफलता मिलेगी। आज मैं सिस्को सिस्टम में काम भी कर रही हूं। अनुश्री, बीई कंप्यूटर साइंसमेरे पिता की कड़ी मेहनत ही मेरी प्रेरणा है। वर्तमान में मैं महिंद्रा में काम कर रही हूं। परिश्रम से ही सफलता मिलती है। आज गोल्ड मेडल पाकर खुश हूं।
अकांक्षा ग्रोवर, बीई इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन कॉलेज में बिताया हर साल मेरे लिए गोल्डेन पिरियड हैं। यहां से मेरे जीवन में बदलाव आया है। फिलहाल मैं सैपिएंट कंसल्टेंसी में काम कर रही हूं। सपना कुमारी, बीई आईटी जीवन को हमेशा हंसते हुए जीना चाहिए तभी हम आगे बढ़ सकते हैं। अपने माता-पिता और शिक्षकों को अपना प्रेरणास्रोत मानती हूं। संगीता कुमारी, बीई केमिकल एंड पॉलीमर जीवन में आने वाला अच्छा समय हमेशा प्रोत्साहित करता है। स्वामी विवेकानंद मेरे प्रेरणास्रोत है। वर्तमान में मैं एम फार्म कोलकाता में जॉब कर रही हूं। तृप्ता, बैचलर ऑफ फार्मेसी जीवन के किसी भी पल को भूलना नहीं चाहिए। वो हमें आगे बढ़ने में हमारी मदद करते है। मेरे पैरेंट्स मेरे प्रेरणास्रोत हैं। ज्योति कुमारी,बैचलर इन होटल मैनेजमेंट अपने टीचरों को कभी नहीं भूलना चाहिए। साथ ही अपने आप को भी मोटिवेट करते रहना जरूरी है। इसी से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। असरम जमील, बीई इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स