RANCHI: झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की ओर से जुलाई 2017 में दारोगा बहाली में सफल 3019 कैंडिडेट्स पर छंटनी की तलवार लटक गई है। जेएसएससी ने सेलेक्टेड कैंडिडेट्स के सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन में 259 का कास्ट सर्टिफिकेट बताए गए अधिकारी द्वारा जारी नहीं किए जाने पर शो-कॉज किया है। सात दिनों के अंदर बताए गए अधिकारी द्वारा ही जारी कास्ट सर्टिफिकेट जमा करने को कहा है। साथ ही शर्त जोड़ा गया है कि आवेदन की तिथि से पहले ही सर्टिफिकेट जारी होना चाहिए। ऐसे में दारोगा बहाली के 259 कैंडिडेट्स पर छंटनी की तलवार लटक गई है। इन्होंने जेएसएससी को अपना जवाब भी भेज दिया है, लेकिन आयोग इसे मानने को तैयार नहीं है। गौरतलब हो कि ये ऐसे कैंडिडेट्स हैं, जिन्होने दारोगा भर्ती परीक्षा में पीटी, मेंस, मेडिकल, फिजिकल वेरिफिकेशन कंप्लीट कर लिया है।

कोर्ट के आदेश का हवाला दे रहे कैंडिडेट्स

छात्रों को इस परेशानी में उनका साथ दे रहे संजय कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री, कार्मिक और सभी जगह पत्र लिखकर इस समस्या के समाधान की मांग की गई है। इसी सन्दर्भ में छात्रों ने बताया कि झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा अपने आदेश 5865, 2017 में कहा गया है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी भी एक जवाबदेह अधिकारी होते हैं, जिसके द्वारा निर्गत जाति प्रमाणपत्र के आधार पर ही उपमंडलाधिकारी द्वारा जाति प्रमाणपत्र निर्गत किया जाता है। केवल इसी आधार पर प्रार्थी द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी का प्रमाण पत्र ओबीसी सर्टिफिकेट का विवरण आवेदन करते समय भरा है। सहानुभूति दिखाते हुए आरक्षण का लाभ देते हुए नियुक्ति करने का आदेश दिया है।

क्या है पूरा मामला

झारखण्ड सरकार द्वारा जुलाई 2017 में झारखण्ड दारोगा भर्ती के लिए आवेदन मांगा था। जिसमें सक्षम छात्रों ने आवेदन किया था। इसमें एसडीओ द्वारा निर्गत कास्ट सर्टिफिकेट की मांग की गई थी। अधिकतर कैंडिडेट्स ने एसडीओ द्वारा निर्गत सर्टिफिकेट नहीं होने पर सीओ द्वारा जारी प्रमाण पात्र के आधार पर ही आवेदन कर दिया। इसी आधार पर सभी परीक्षा पास भी कर गए। इस बीच सभी ने एसडीओ द्वारा निर्गत प्रमाण पात्र भी बनवा लिया है जो कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के समय दोनों प्रमाण पात्र ले कर गए। लेकिन कर्मचारी चयन आयोग ने छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि जब एसडीओ से निर्गत जाति प्रमाण पत्र मांगा गया था तो सीओ से निर्गत प्रमाण पत्र क्यों जमा किया गया।

आवेदन के समय नहीं बना सर्टिफिकेट

छात्रों ने बताया कि पिछले साल जुलाई में कर्मचारी चयन आयोग ने जब आवेदन मांगा था, उस समय एसडीओ द्वारा तत्काल सर्टिफिकेट नही बनाया जा रहा था। लास्ट डेट भी खत्म हो रही थी, इसलिए पहले से अंचल कार्यालय द्वारा जो जाति प्रमाण पत्र था, उसको ही सब्मिट कर दिये। इस बीच समय लगा लेकिन एसडीओ से भी सर्टिफिकेट ले लिया, अब इसको कर्मचारी चयन आयोग नहीं मान रहा है। छात्रों का कहना है कि अगर हमारे सर्टिफिकेट को नहीं माना जाता है तो हमलोग कोर्ट तक मामले को लेकर जाएंगे।

जेएसएससी मेंबर से डीजे आईनेक्स्ट की सीधी बात

सवाल: दारोगा बहाली में बहुत सारे कैंडिडेट्स सभी एग्जाम क्लियर कर लिये हैं, अब उनको शोकॉज किया जा रहा है?

जवाब: आयोग की नियमावली के अनुसार, एसडीओ द्वारा निर्गत जाति प्रमाण पत्र ही मान्य रखा गया है। कुछ कैंडिडेट्स ने आवेदन के समय सीओ से निर्गत प्रमाण पत्र जमा कर दिया है।

सवाल: लेकिन, कैंडिडेट्स एसडीओ का सर्टिफिकेट भी जमा किए हैं?

जवाब: सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के दौरान यह मामला सामने आया। इसके बाद कैंडिडेट्स को शोकॉज किया गया है कि अगर वो जाति के आरक्षण का लाभ लेना चाहते हैं तो एसडीओ द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र जमा कर दें। तभी इनको लाभ मिलेगा। इसमे वैसे प्रमाण पत्र को मान्य माना जाएगा, जो आवेदन की अंतिम तिथि से पहले निर्गत हों।

सवाल: कैंडिडेट्स के पास सीओ ओर एसडीओ दोनो का प्रमाण पत्र है?

जवाब: जिनके पास आवेदन देने से पहले का निर्गत जाति प्रमाण पत्र है, उसे वो लेकर आएं उनको मान्य किया जाएगा।

Posted By: Inextlive