रिटायर्ड चीफ इंजीनियर अतुल कुमार व रिटायर्ड जज महेंद्र प्रसाद बने विद्युत नियामक आयोग के मेंबर. अब नए बिजली टैरिफ पर जल्द शुरू हो सकेगी जन सुनवाई 16 परसेंट तक दर बढ़ाने का प्रस्ताव. 13 महीने से डिफंक्ट चल रहा था आयोग बिजली टैरिफ जनसुनवाई सहित कई मामले थे पेंडिंग. हाईकोर्ट खुद कर रहा है मॉनिटरिंग जल्द हो सकती है चेयरमैन की भी नियुक्ति प्रस्ताव चीफ जस्टिस के पास है लंबित.


रांची(ब्यूरो)। राजधानी के लोगों को सितंबर से बिजली का बढ़ा हुआ बिल देना होगा। बिजली वितरण निगम ने राज्य नियामक आयोग को बिजली की दर बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। 15 महीने से नियामक आयोग में सदस्य नहीं होने के कारण इस मामले पर सुनवाई नहीं हो रही थी। अब नए सदस्यों को आ जाने से जून से हियरिंग शुरू होगी। राज्य के सभी प्रमंडल में तीन महीने में जन सुनवाई हो जाएगी, उसके बाद नया टैरिफ लागू होगा। दो सदस्य बनाए गए हैं
उर्जा विकास निगम के रिटायर चीफ इंजीनियर अतुल कुमार, सदस्य तकनीकि और रिटायर प्रधान जिला न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद, सदस्य विधि झारखंड विद्युत नियामक आयोग में होंगे। इसको लेकर उर्जा विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। दो सदस्य बनने के बाद अब संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही आयोग को अध्यक्ष भी मिल जाएगा। यह भी बताया जा रहा है कि वितरण निगम ने जो प्रस्ताव आयोग को दिया है, उसकी जन सुनवाई पूरी होने से पहले ही सरकार अध्यक्ष की नियुक्ति कर देगी। जून से होगी सुनवाई


आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि अभी तो सदस्यों ने ज्वाइन किया है। बहुत सारे मामले पेंडिंग हैं, उसे पूरा करने के बाद वितरण निगम ने जो प्रस्ताव दिया है, उस पर जन सुनवाई की जाएगी। राज्य की हर कमिश्नरी में सुनवाई होगी। लोगों को आपत्ति दर्ज करने के लिए भी समय दिया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने में करीब तीन महीने लगेंगे, सितंबर तक इस पर निर्णय लिया जा सकता है। फरवरी 2021 से खाली है राज्य का महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था झारखंड विद्युत नियामक आयोग 19 फरवरी 2021 से पूरी तरह से डिफंक्ट है। 19 फ रवरी को आयोग में बचे अंतिम सदस्य, विधि प्रवास कुमार सिंह आयोग छोड़ दिया था। प्रवास कुमार सिंह को केंद्रीय नियामक आयोग का विधि सदस्य बनाए जाने के कारण वे चले गए। पिछले वर्ष जून में निवर्तमान चेयरमैन अरविंद प्रसाद के इस्तीफ ा दे दिया था, जबकि मेंबर तकनीक आरएन सिंह 9 जनवरी को सेवानिवृत हो चुके हैं। जनसुवाई या किसी भी नीतिगत निर्णय के लिए कम से कम एक मेंबर का होना संवैधानिक संस्था होने के कारण बहुत जरूरी है। इसके बिना कोरम पूरा नहीं हो पा रहा था। दो साल से नहीं बढ़ी है दर

पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए भी दिसंबर में झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने नया बिजली टैरिफ में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था, लेकिन पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण आयोग में दो मेंबरों ने उपभोक्ताओं के पक्ष में फैसला देते हुए घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली टैरिफ में कोई बढ़ोतरी नहीं की। 2021-22 में आयोग डिफंक्ट होने के कारण इस वित्तीय वर्ष में भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। अभी भी राज्य में 2019-20 वाला ही टैरिफ लागू है। अब 16 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्तावजेबीवीएनएल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए दिसंबर 2021 में नया बिजली टैरिफ आयोग के पास जमा किया है। इस पर जल्द जनसुनवाई शुरू होने की उम्मीद है। जेबीवीएनएल द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 16.17 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव है। सात दिसंबर 2021 को जेबीवीएनएल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए नया एनुवल रेवन्यू रिक्यावरमेंट (एआरआर) के साथ नए टैरिफ का प्रस्ताव झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के पास जमा कर चुका है।

Posted By: Inextlive