-हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को स्थिति स्पष्ट करने को कहा, पूछा

-ललमटिया खदान हादसे में कई लोगों की हुई थी मौत

रांची: हाई कोर्ट ने गुरुवार को गोड्डा ललमटिया में हुए खान हादसे की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी पर केंद्र सरकार को स्थिति स्पष्ट करने का अंतिम मौका दिया है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन सप्ताह में यह बताने को कहा है कि वह इस हादसे की जांच कराएगी या नहीं?। कोर्ट ने मो। सरफराज की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।

अब तक जांच नहीं

सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि खान दुर्घटना होने के बाद केंद्र सरकार कोर्ट ऑफ इंक्वायरी कराती है। इसमें दुर्घटना के कारणों की जांच होती है। साथ ही, भविष्य में सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं, इस पर भी सुझाव दिया जाता है। लेकिन केंद्र सरकार ने इस मामले पर अभी तक जांच शुरू नहीं की है। सिर्फ डीजीएमएस (महानिदेशक, खनन सुरक्षा) की ओर से ही जांच किया गया है, जो संतोषजनक नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि यह मामला श्रम मंत्रालय में लंबित है। ईसीएल (ईस्टर्न कोल लिमिटेड) कंपनी की ओर से कहा गया कि इस घटना के लिए डीजीएमएस पूरी तरह से दोषी है क्योंकि उसकी रिपोर्ट के बाद ही खनन के लिए आदेश दिया जाता है इसलिए इसकी जांच हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश से कराई जाए। बता दें कि ललमटिया में हुए खदान हादसे में 34 हाइवा, 4 पेलोडर के साथ करीब 80 मजदूरों के दबने की आशंका है। राहत एवं बचाव कार्य के दौरान सिर्फ 18 लोगों के ही शव निकाले गए। अन्य के विषय में कोई जानकारी नहीं है।

Posted By: Inextlive