RANCHI पता नहीं क्यों आज शोर थोड़ा कम लग रहा है? शायद यह चुनाव प्रचार के थम जाने का असर है। नाऊ आई एम फीलिंग कूल। चुनाव प्रचार के वाहनों के शोर और गानों की आवाज ने कान पका दिया था। प्रचार वाहनों के कारण सिटी की सड़कों पर ट्रैफिक जाम की भी स्थिति थी, पर अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि चुनाव प्रचार जो खत्म हो गया है। अब मैं आराम से पढ़ाई कर सकूंगी। यह कहना है गोस्सनर कॉलेज की पार्ट थ्री की स्टूडेंट सुनंदा वर्मा का।

परेशान कर रहे थे लाउड स्पीकर्स

सुनंदा ने बताया कि अब शोरगुल थमने से फील गुड हो रहा है। यह कूल-कूल फीलिंग सुनंदा की ही नहीं है, बल्कि रांची में रह रहे लगभग सभी तबकों की कॉमन फीलिंग है। भ् मार्च को रांची में चुनाव प्रचार शुरू हुआ था और यह क्भ् अप्रैल को थम गया। क्म् अप्रैल को प्रत्याशी घर-घर जाकर वोट मांगते दिखे। प्रचार थमने से लोगों को शोरगुल से राहत मिली।

फील गुड का है अहसास

रिम्स के मेडिसीन के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संजय कुमार सिंह ने बताया कि चुनाव प्रचार कम होने के बाद गाडि़यों की संख्या कम होने और शोरगुल थमने से बहुत अच्छा लग रहा है। सबसे बड़ा असर तो ट्रैफिक सिस्टम पर देखने को मिल रहा है। गाडि़यां कम होने से मैं भी स्मूदली गाड़ी चला पा रहा हूं। सचदेवा कॉलेज के डायरेक्टर राजीव सिंह ने बताया कि जब से चुनाव प्रचार शुरू हुआ था, साउंड पोल्यूशन बेहद बढ़ गया था। जहां देखिए मोटरसाइकिल रैली और प्रचार वाहनों का लाउडस्पीकर गूंजता रहता था, पर अब शांति बेहद अच्छी लग रही है। जेएम कॉलेज भुरकुंडा की स्टूडेंट शिखा वर्मा ने बताया कि पढ़ाई के लिए शांति बेहद जरूरी है और चुनाव प्रचार में यही गायब हो गई थी, पर अब शोर का थमना सुखद लग रहा है। कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़नेवाली छात्रा चंदा सिंह ने बताया कि शोर थमने से बहुत अच्छा लग रहा है।

Posted By: Inextlive