RANCHI : रांची पुलिस उन अपहर्ताओं की तलाश में संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है, जिन्होंने सुखदेवनगर थाना एरिया से 10 साल की बच्ची डिंपी को किडनी निकालने की खातिर अगवा किया था। किडनी चोर गैंग के सदस्यों की पहचान के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है। मामले के अनुसंधानकर्ता सुखदेवनगर थाने के दारोगा शंकर प्रसाद बनाए गए हैं। हालांकि, इस मामले में अबतक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इधर, चाचा सुरेश यादव के बयान पर डिंपी के अपहर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

बच्ची का मेडिकल चेकअप

अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त डिंपी का सोमवार को सदर हॉस्पिटल में मेडिकल चेकअप कराया गया। मेडिकल चेकअप के लिए पांच डॉक्टर्स की टीम बनाई गई थी। पुलिस का कहना है कि मेडिकल चेकअप के माध्यम से पुलिस यह जानने की कोशिश में है कि किडनी निकालने की नीयत से बच्ची को अपहर्ताओं ने इंजेक्शन दिया था अथवा नहीं।

जल्द होगा रैकेट का पर्दाफाश

एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने कहा कि बच्ची ने किडनी निकाले जाने को लेकर किडनैप किए जाने की जो बातें कही है, उसकी तफ्तीश पुलिस ने शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि अगर रांची में किडनी निकालने की खातिर बच्चे-बच्चियों की चोरी अथवा अपहरण किए जाने का कोई रैकेट काम कर रहा है तो उसका जल्द पर्दाफाश किया जाएगा। इसके लिए कोतवाली डीएसपी भोला प्रसाद सिंह, कोतवाली इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल, सुखदेवनगर थाना प्रभारी नवल किशोर सिंह, रातू थानेदार आमोद नारायण सिंह के नेतृत्व में पुलिस की टीम बनाई गई है, जो अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।

किडनी निकालने के लिए दिया था इंजेक्शन

सुखदेवनगर थाना एरिया के विद्यानगर स्थित जतरु लॉज में रहने वाले सुरेश यादव की 10 साल की भतीजी डिंपल कुमारी शनिवार की शाम से लापता थी। मामले को लेकर चाचा ने अज्ञात अपहर्ताओं के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। लेकिन, रविवार को मौका मिलते ही वह किडनैपर्स के चंगुल से फरार हो गई थी। इसके बाद उन्होंने पुलिस को बताया था कि किडनैपर्स ने किडनी निकालने की खातिर उसका अपहरण किया था। उन्होंने जो इंजेक्शन दिया था, उससे बेहोश हो गई थी। होश आने पर एक दो तल्ला घर में अपने को बंधक पाया था, लेकिन वहां से किसी तरह निकल भागने में कामयाब हो पाई। बच्ची के इस खुलासे के बाद रांची पुलिस अवाक रह गई थी।

Posted By: Inextlive