156 साल के इतिहास को नया कलेवर
RANCHI: कांके रोड स्थित आड्रे हाउस आर्ट गैलरी का उद्घाटन शनिवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी करेंगे। यह झारखंड की पहली आर्ट गैलरी है, जहां पर राज्य में उपलब्ध ट्राइबल आर्ट को संरक्षित करने के साथ ही राज्यभर के कलाकारों को भी एक मंच दिया जा रहा है। यहां एक ओपेन थियेटर भी बनाया गया है, जहां कलाकार मंच से अपनी प्रस्तुति देंगे। वहीं, दो एग्जीबिशन हॉल बनाए गए हैं, जहां कलाकार अपनी कला की प्रदर्शनी लगा सकेंगे। गौरतलब हो कि लगभग क्भ्म् साल पुरानी ऐतिहासिक इमारत आड्रे हाउस की सूरत बदल गई है। इस बिल्डिंग के ब्यूटीफिकेशन व कंजर्वेशन का काम ऑर्किटेक्ट के निर्देशन में पूरा हो चुका है। ब्रिटिश कालीन वास्तुकारी की जीती-जागती मिसाल इस हेरिटेज के संरक्षण का काम हो चुका है।
क्यों खास है यह इमारत धरती आबा के केस की सुनवाई का गवाहयह बिल्डिंग धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के केस की सुनवाई और सजा की गवाह रही है। झारखंड बनने के बाद इस इमारत में गवर्नर का सचिवालय बना, जो अब सूचना भवन बन चुका है।
क्8भ्म् में कैप्टन हेनिंगटन ने बनवाया था अपना घरसाल क्8भ्0 की बात है। तत्कालीन छोटानागपुर के डिप्टी कमिश्नर कैप्टन हेनिंगटन अपनी पसंद का एक आशियाना बनाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने इंडियन व ब्रिटिश वास्तुकारों की मीटिंग बुलाई। लंबी चर्चा व बैठक के बाद गोथिल कला शैली में आड्रे हाउस बनाने का निर्णय हुआ। इसके लिए देश भर के नामी-गिरामी कलाकार लगे। बेशकीमती इमारती लकडि़यां मंगवाई गई। कलाकारों व कामगारों ने छह साल की कड़ी मेहनत कर क्8भ्म् में हेनिंगटन के सपने को साकार कर दिया। इस इमारत के सेंट्रल हॉल का फ्लोर टीक की लकड़ी से बनाया गया है। जानकारों का कहना है कि हेनिंगटन ने अपनी बेटी के डांस प्रैक्टिस के लिए इस फ्लोर का निर्माण करवाया था। इसके साथ ही इस इमारत में गर्मी और सर्दी के प्रभाव को कम करने के लिए दो सिलिंग का निर्माण भी कराया गया है।
राज्य सरकार ने बदल दिया नामझारखंड के जानेमाने मूर्तिकार व आड्रे हाउस के संरक्षण से जुड़े कलाकार अमिताभ मुखर्जी ने बताया कि राज्य की वर्तमान सरकार ने इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में विकसित इस इमारत का नाम बदलकर अब आड्रे हाउस आर्ट गैलरी कर दिया है। जबकि तीन साल पहले ख्म् जनवरी ख्0क्फ् को तत्कालीन राज्यपाल डॉ। सैयद अहमद ने इसका शिलान्यास किया था। लेकिन एक साल पहले सत्ता में आई झारखंड की बीजेपी सरकार को इंदिरा गांधी का नाम पसंद नहीं आया और उसने इसका नाम बदल दिया है। इसको लेकर कांगे्रस ने अपनी नाराजगी भी जताई है।
मंत्री ने नाम नहीं बदलने का दिया था आश्वासन झारखंड की रघुवर सरकार के एक साल पूरा होने पर सूचना भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कला-संस्कृति व खेलकूद मंत्री अमर कुमार बाउरी ने कहा था कि राज्य सरकार इमारत का नाम बदलने का कोई काम नहीं कर रही है।